दिलासा देते हुए भाई बोला- हिम्मत रखो, रोना नहीं है
"रोना नहीं है। हिम्मत रखना है। बस थोड़ी देर धैर्य रख लो। सभी बाहर निकल जाएंगे..." त्रिकूट पहाड़ पर अपनी बहन को एक भाई पिछले 18 घंटे से लगातार यही दिलासा दे रहा है। भाई पथराई आंखों से हेलिकॉप्टर के हर राउंड के बाद केबिन नंबर 6 और 7 को निहार रहा है। हेलिकॉप्टर के लौटने के बाद बहन को फोन लगाता है। 'कोई निकला नहीं' यह शब्द सुनते ही एक पल को निराश होती है, लेकिन तुरंत हौसला देता है कि घबराना नहीं है।
बिहार के मधेपुरा जिले के रहने वाले धीरज ने दैनिक भास्कर को बताया कि उसकी बहन सोनी जिसकी उम्र 30 वर्ष है। और उनका एक भांजा जानू जिसकी उम्र महज 9 वर्ष है। उसके साथ ही बहन के ससुराल के 5 और सदस्य पिछले दो दिनों से हजारों फिट ऊपर रोपवे में जिंदगी और मौत के बीच फंसे है।
धीरज ने कहा कि इस बात की जानकारी उन्हें रविवार शाम में मिली। इसके बाद सोमवार दोपहर देवघर के त्रिकूट पहाड़ पहुंचे। तब से बिना कुछ खाए पीए रात भर जागकर उसी पहाड़ पर बैठा हूं। धीरज के आंखो में उम्मीद है कि जल्द ही उनके बहन और अन्य परिवार को बचा लिया जाएगा।
कोहरे के कारण रेस्क्यू मिशन दोबारा होने में देरी हुई
झारखंड के देवघर में त्रिकुट पहाड़ के रोप-वे पर हुए हादसे में अब भी 8 जिंदगियां फंसी हुई हैं। मंगलवार सुबह कोहरे के कारण रेस्क्यू मिशन दोबारा होने में देरी हुई। सोमवार को सेना, वायुसेना और NDRF ने MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू शुरू किया था। शाम तक 33 श्रद्धालुओं को सुरक्षित निकाला गया, लेकिन अब भी 8लोग फंसे हैं। सभी फंसे पर्यटकों के खाने के लिए कुछ पैकेट, पानी और राहत सामग्री ड्रोन से भेजी जा रही है। रात भर प्रशासन की एक टीम उनकी सहायता के लिए रहेगी।