सहरसा में कुख्यात पप्पू देव की रविवार अहले सुबह पुलिस हिरासत में मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि शनिवार की रात पप्पू देव और उसके गुर्गों के साथ पुलिस मुठभेड़ हुआ था। इसमें जमकर गोलीबारी हुई। मुठभेड़ के बाद ही पुलिस ने पप्पू देव को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसने सीने में दर्द की शिकायत की। पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
वहीं, मौत की सूचना के बाद पप्पू देव के समर्थक सदर अस्पताल में जुट गए। लोगों का आरोप है कि पुलिस हिरासत में उसकी बेरहमी से पिटाई की गई है। शरीर पर कई जगह लाठी से पीटने के निशान हैं। निशानों को देखकर स्पष्ट होता है कि पप्पू की मौत पिटाई की वजह से ही हुई है। हालांकि, पुलिस इन आरोपों से इनकार किया।
जमीन की घेराबंदी करने पहुंचा था, तभी पुलिस भी पहुंची
बताया जा रहा है कि शनिवार देर शाम सदर थाना के सराही में पप्पू देव अपने गुर्गों के साथ हथियार से लैश होकर एक जमीन की घेराबंदी करने पहुंचा था। इसकी सूचना पुलिस को मिली। इसके बाद पुलिस ने छापेमारी कर तीन लोगों को एक पिस्टल, कट्टा तथा 13 राउंड गोलियों के साथ गिरफ्तार किया। बाकी लोग स्कॉर्पियो से भाग निकले। पप्पू और गुर्गों से पुलिस ने एक ऑटोमेटिक राइफल, तीन पिस्टल, तीन कट्टा तथा 47 चक्र गोलियां बरामद किया था।
पुलिस ने बताया, 'गिरफ्तार बदमाशों से पूछताछ में पप्पू के ठिकाने का पता चला। इसके बाद बिहरा थाना अंतर्गत पप्पू देव के घर छापेमारी की गई। वहां से दो लोगों को हिरासत में लिया। पप्पू देव के बारे में पूछताछ करने पर मालूम हुआ कि वह चिमनी भट्ठा के बगल में उमेश ठाकुर के मकान में सोया है। पुलिस जब वहां छापेमारी के लिए गई तो पप्पू देव और उसके समर्थकों ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी जवाबी फायरिंग शुरू की।'
गिरफ्तार होने के बाद किया सीने में दर्द की शिकायत
पुलिस ने बताया, 'खुद को घिरा देखकर पप्पू देव अपना राइफल लेकर भागने की कोशिश करने लगा तथा उसने दीवार से छलांग लगा दी। पुलिस ने उसे पकड़ लिया।' एसपी कार्यालय से बताया गया कि रात दो बजे सीने में दर्द की शिकायत के बाद उसे सदर अस्पताल के ICU में भर्ती कराया गया। रात 3:10 पर उसे डॉक्टरों ने बेहतर इलाज के रेफर कर दिया गया, लेकिन वहां से निकलने से पहले ही सुबह करीब चार बजे डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। शव के पोस्टमॉर्टम के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन किया गया है। इसकी वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी।'
मुजफ्फरपुर से रहा है गहरा रिश्ता
मुजफ्फरपुर के सब रजिस्ट्रार सूर्यदेव नारायण सिंह के अपहरण के बाद चर्चा में आए पप्पू देव लगातार अपराध जगत में अपना पांव फैलाता गया। 2001 में पारू और कटरा के सब रजिस्ट्रार की हत्या का आरोप भी पप्पू देव पर लगा था।
बता दें, कुख्यात पप्पू देव पर बिहार के विभिन्न थानों में 150 मामले दर्ज है। कई बार पप्पू देव और पूर्व सांसद आनंद मोहन के समर्थकों के बीच सहरसा में गोलीबारी की बात भी सामने आई थी। पूर्व सांसद पप्पू यादव से भी पप्पू देव का छत्तीस का रिश्ता था।
2003 में 50 लाख रुपए के जाली करेंसी के साथ भी पकड़ा गया था
2003 में पप्पू देव 50 लाख से अधिक जाली नोट के साथ नेपाल में गिरफ्तार हुआ था। इस मामले में पप्पू को सजा भी हुई। नेपाल के विराट नगर के बड़े व्यवसायी तुलसी अग्रवाल का अपहरण में भी उसके शामिल होने की बातें सामने आई थी। मोटी रकम फिरौती में लेने के बाद उसे मुक्त किया गया था। नेपाल से रिहा होने के बाद बिहार पुलिस उसे गिरफ्तार कर जनवरी 2013 में बिहार ले आई थी। नेपाल पुलिस के सहयोग से पप्पू देव को पटना STF की टीम ने सोनौली बोर्डर पर गिरफ्तार किया था।
LJP से भी रहा है संबंध
लंबे समय तक सहरसा जेल में रहने के बाद जब जेल से निकला तो अपना राजनीतिक रसूख बढ़ाने में जुट गया। LJP से संबंध बढ़ाया। हाल के दिनों में पप्पू देव का मुख्य धंधा करोड़ों अरबों की विवादित जमीन पर कब्जा करना और कराना बन गया था। शनिवार को भी जमीन पर जबरन कब्जा करने के सूचना के बाद पुलिस से हुई मुठभेड़ के बाद ही पुलिस हिरासत में उसकी मौत हुई।