बता दें कि रिंटू सिंह पर तीन नवंबर को भी जानलेवा हमला हुआ था। उस संबंध में उनके द्वारा थाने में नामजद प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई थी। उसमें सियासी रंजिश में जानलेवा हमला करने की शिकायत की गई थी। हत्या की सूचना फैलते ही घटनास्थल पर उनके समर्थकों की भीड़ जुट गई। काफी देर तक उनका शव भी वहीं पड़ा रहा।
जानकारी के अनुसार रिंंटू सिंंह शाम को अपने चार पहिया वाहन से दुकान पर पहुंचे थे। उसी दौरान बाइक पर सवार दो युवक वहां पहुंचे और साइलेंसर युक्त पिस्टल से उनके सिर में दो गोलियां दाग दीं। जब तक वहां मौजूद लोग कुछ समझ पाते तब तक बाइक सवार दोनों हत्यारे रानीगंज की ओर भाग गए। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस बल वहां पहुंचा। उनके समर्थकों की भी भीड़ वहां जुट गई।
उनके स्वजनों व समर्थकों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही से ही उनकी हत्या हुई है। पिछली बार रिंटू सिंह द्वारा गांव के ही पप्पू सिंह के पुत्र आशीष सिंह उर्फ अटिया द्वारा उन पर हमला करने का आरोप लगाया गया था। इधर वारदात के बाद गांव में दहशत का आक्रोश का माहौल बना हुआ है। घटना के बाद सरसी बाजार की दुकानें स्वत:स्फ़ूर्त रूप से बंद हो गईं।
हत्या को लेकर अबतक मृतक के स्वजनों से आवेदन नहीं मिला है। पुलिस अपने स्तर से मामले की जांच व हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी में जुट गई है। जल्द ही पूरे मामले का उदभेदन कर लिया जाएगा: दयाशंकर एसपी पूर्णिया