मौत की सूचना के बावजूद स्पष्टीकरण मांगा
मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड अंतर्गत मजौरा मध्य विद्यालय में सहायक शिक्षक सुमन कुमार सिंह का निधन बीते सात नवंबर को हृदयाघात के कारण हो गया। उनकी ड्यूटी पंचायत चुनाव में 15 नवंबर को जिले के बिहारीगंज में लगी थी। इसे देखते हुए विद्यालय के हेडमास्टर अनिल राम ने उनकी मौत की सूचना आठ नवंबर को विभागीय अधिकारियों समेत अन्य सभी को दे दिया। मौत के कारण शिक्षक पंचायत चुनाव की ड्यूटी पर नहीं पहुंचे। हद तो यह है कि इसके लिए पंचायत निर्वाचन कार्मिक कोषांग ने चुनाव ड्यूटी में अनुपस्थित रहने के लिए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। अब लोग पूछ रहे हैं कि क्या स्पष्टीकरण का जवाब देने मृत शिक्षक का भूत आएगा?
पैसे के अभाव में नहीं हो सका इलाज, हुई मौत
मृत शिक्षक सुमन के भाई राजा कुमार सिंह ने बताया कि सुमन करीब तीन साल से हृदय रोग से ग्रस्त थे। उनका पटना में इलाज चल रहा था। करीब 10 दिन पहले उनकी दवा खत्म हो गयी थी, लेकिन समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण इलाज में बाधा पहुंची। तीन महीने बाद दीपावली से पहले एक महीने का वेतन आया था, लेकिन वह बैंक लोन की किश्त चुकाने में कट गया। मौत के वक्त उनके बैंक खाते में केवल 320 रुपये थे।
शेखपुरा में मुर्दे को लगा दिया कोरोना का टीका
उधर, शेखपुरा में स्वास्थ्य कर्मियों ने एक ऐसे बुजुर्ग के मोबाइल नंबर पर कोरोनावायरस का टीका लगाने का मैसेज भेजा, जिनकी मौत छह महीने पहले हो चुकी है। जिले के बरबीघा नगर परिषद स्थित सकलदेव नगर मोहल्ला के इस मामले की खबर jagran.com पर आने के बाद राज्य स्वास्थ्य समिति ने जिले के अधिकारियों को फटकार लगाई। बताया जा रहा है कि यह डाटा एंट्री आपरेटर की गलती थी, जिसके लिए उसपर कार्रवाई की गई है।
निधन के छह महीने बाद मोबाइल पर आया मैसेज
शेखपुरा में टीवीएस शोरूम के संचालक मनोज कुमार के अनुसार उनके पिता राम अवतार सिंह का निधन छह महीने पहले हो गया था। इसके बाद उनके नाम के सिम वाला मोबाइल मनोज ने अपने पास रखा है। इसी मोबाइल पर बीते गुरुवार को पिता को कोरोना का टीका लगाए जाने का मैसेज आया था। स्वास्थ्य विभाग की एक महिला कर्मी ने काल कर टीका के बारे में पूछताछ की। मनोज के अनुसार उन्होंने पिता के निधन की सूचना दी, लेकिन फिर भी मोबाइल पर टीका की दूसरा डोज लेने का मैसेज आ गया।