पूर्णिया। कहते हैं किसी भी काम में लगन के आगे कोई भी बाघ्यता मायने नहीं रखती है। प्रखंड क्षेत्र के मेंहदी गांव के किसान नंदकिशोर मंडल के पुत्र मिष्टु कुमार ने गरीबी से जूझते हुए कुछ ऐसा ही कर दिखाया है।
इंटर साइंस के छात्र मिष्टु ने चाय बनाने वाली ऐसी डिवाइस तैयार किया है, मोबाइल के इशारे पर चलेगी। चीनी, बगैर चीनी, एक कप से आठ कप तक चाय मोबाइल के इशारे पर बनकर तैयार हो जाएगा। इस डिवाइस को बनाने में लगभग तीन हजार रूपये की लागत आयी है।
मिष्टु ने बताया कि जब लाकडाउन लगा, तब लगा कि उसकी पढ़ाई चौपट हो जाएगी तथा वह अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाएगा। उसकी अंग्रेजी छोड़ बाकी विषय बहुत अच्छी है। उसके पिता मवेशी पालते हैं। दूध को घर-घर पहुंचाने में उन्हें काफी पेरशानी होती है, इसलिए उसके मन में जिज्ञासा हुई कि क्यों नहीं वह एक ऐसा डिवाइस तैयार करे, जो घर से ही रिमोट से संचालित होकर घर-घर जाकर दूध पहुंचा दे। वह इसमें नाकाम रहा। फिर उसके दिमाग में बात आयी कि चाय एक ऐसी चीज है, जो हर घर में बनती है। अभी बिजली मिल रही है, इसके लिए अगर डिवाइस तैयार किया जाए, तो निश्चित गरीब-अमीर लोगों को काफी लाभ होगा तथा उनका समय भी बर्बाद नहीं होगा। अन्य काम करते हुए चाय बनकर आटोमेटिक तैयार हो जाएगी। उसने यूट्यूब सहित अनेक किताबों का अध्ययन किया तथा अपनी मंजिल को प्राप्त करने में लग गया। सबसे पहले तो उसने लकड़ी की टूटी-फूटी डिवाइस का केबिनेट बनाया। फिर उसमें आवश्यक इलेक्ट्रोनिक्स सामान आनलाइन मंगाता गया। लगभग छह माह के प्रयास में उसने चाय बनाने वाली डिवाइस तैयार कर ली। जब उसने अपनी डिवाइस से पहली बार चाय बनाकर पी, तब उसे लगा कि इससे बढ़कर क्या खुशियां हो सकती हैं। इस डिवाइस में यह खूबी है कि यह मोबाइल से संचालित होता है। इसमें लगे अलग-अलग बर्तनों में चाय, चीनी, दूध एवं पानी डाल दिया जाता है। जितनी चाय बनानी है, चाहे वह चीनी की हो या बिना चीनी की या फिर बिना दूध की, कितनी कप बनानी है, मोबाइल पर आदेश दे दिया जाता है। डिवाइस में स्वीच देते ही चाय बननी शुरू हो जाती है। दो से तीन मिनट के अंदर चाय तैयार होकर दी गयी मात्रा के अनुसार कप में चाय बनकर तैयार मिलती है। इतना ही नहीं, चाय बनते ही, मोबाइल पर सूचना भी मिल जाती है कि चाय तैयार हो गयी है। बस जाकर कप उठाकर लाना पड़ता है।