- मतगणना संपन्न होने के बाद शुक्रवार की शाम पांच बजे से लेकर रात के ढाई बजे तक पथराहा में किया जाम
- पुलिस पर हमला करने के आरोप में छह लड़कों को किया गया गिरफ्तार, पंचायत में अब भी तनावपूर्ण माहौल
सिंहेश्वर प्रखंड के सबैला के पराजित मुखिया प्रत्याशी के समर्थकों द्वारा पथराहा में एनएच 106 को जाम, हंगामा, आगजनी, फायरिंग करने और पुलिसकर्मियों व चौकीदारों पर हमलाकर घायल करने के आरोप में सिंहेश्वर थाने में 25 नामजद समेत 250 अज्ञात महिला-पुरुष के खिलाफ सिंहेश्वर थाना में कार्यरत सअनि राकेश कुमार के आवेदन पर केस दर्ज किया गया है। केस में पराजित मुखिया प्रत्याशी पार्वती देवी और उसके पुत्र अभिषेक कुमार को भी आरोपी बनाया गया है। इस घटना में शामिल हाेने के आरोप में पुलिस ने छह लड़कों को गिरफ्तार किया है। जिसमें अधिकांश 18 वर्ष से कम उम्र के हैं। इनमें दो लड़के घायल भी हैं, जिनके बारे में पुलिस का कहना है कि भगदड़ के दौरान वे लोग खुद के कारण ही घायल हुए हैं। पुलिस ने किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं किया। शनिवार को कोरोना जांच कराकर सभी आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। दूसरी ओर, पराजित मुखिया प्रत्याशी के पुत्र अभिषेक कुमार का कहना है कि उनकी तबियत थोड़ी खराब थी। चुनाव परिणाम आने के बाद वह ज्यादा अस्वस्थ महसूस कर रहा था। उसका मोबाइल भी स्विच ऑफ हो गया था। मतगणना से लौटकर आने के बाद वह घर से बाहर ही कहीं पर सो गया था। उसे रोड जाम आदि किए जाने की जानकारी भी नहीं हुई। हालांकि अभिषेक का यह भी कहना है कि उनके समर्थकों का कहना था कि जब विजयी मुखिया चांदनी खातून के पति व उनके समर्थक लौट रहे थे तो उनके घर के आगे तनावपूर्ण बातें की गई। जिससे उनके समर्थकों की भावना को ठेस पहुंचा। इस कारण से लोगों ने विरोध जताया। हालांकि उनसे जब कथित रूप से कही गई तनावपूर्ण बातों के साक्ष्य के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे वहां नहीं थे, कोई वीडियो साक्ष्य नहीं है। वहीं, मुखिया पक्ष का कहना था कि वे लोग पूरी तरह से संयमित थे। पराजित प्रत्याशी के समर्थक जब रोड जाम कर हंगामा करने लगे तो वे लोग वापस मधेपुरा आ गए।
सबेला पंचायत: नामांकन से ही पंचायत में बना हुआ था तनाव
बताया जा रहा है जजहट सबैला पंचायत में नामांकन के एक-दो दिन पूर्व मुखिया प्रत्याशी पार्वती देवी के पति राम नारायण साह को महादलित के घर में आग लगाने के एक मामले में सिंहेश्वर पुलिस ने उनके घर से गिरफ्तार कर लिया था। कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। उन्हें गिरफ्तार करवाने में दूसरे पक्ष का हाथ होने की बात फैलने लगी। हालांकि पुलिस ने इसे कानूनी प्रक्रिया बताया। बावजूद इसके बाद से ही पंचायत में ध्रुवीकरण होने लगा था। मुकाबला तनावपूर्ण था। 20 अक्टूबर को मतदान भी संपन्न हो गया। जाम के दौरान भीड़ से इस बात की भी चर्चा हो रही थी कि प्रखंड से लेकर जिलास्तर के पदाधिकारियों ने एक खास प्रत्याशी को मतदान से लेकर मतगणना तक में मदद पहुंचाया था। कहा यह भी जा रहा था टीपी कॉलेज में मतगणना के दौरान कुछ ईवीएम हटा दिए गए। इसमें वरीय पदाधिकारी के शामिल होने का आरोप लगाया जा रहा था। जितनी मुंह उतनी बातें हो रही थी। हालांकि जिला प्रशासन ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।
निष्पक्ष व पारदर्शी हुआ है चुनाव
निर्वाचन आयोग के गाइडलाइन के अनुसार जिले में अबतक सभी प्रखंडों में निष्पक्ष व पारदर्शी तरीके से मतदान और मतगणना संपन्न हुआ है। फिर भी किसी प्रत्याशी को किसी प्रकार की आपत्ति होती तो वे निर्वाचन पदाधिकारी को लिखित शिकायत कर सकते हैं। जजहट सबैला पंचायत के भी मतदान और मतगणना में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं हुई है।
-नीरज कुमार, एसडीएम, सदर
ये हैं गंभीर रूप से घायल पुलिसकर्मी श्री नारायण महतो के सीने
की हड्डी टूट गई, अभय कुमार का बायां हाथ टूट गया, ताराकांत झा का बायां हाथ टूट गया, मनोज कुमार का बाया हाथ जख्मी हो गया, बागेश्वर मंडल, मोहन यादव, उमेश पंडित, जगदीश राम, रणदीप शर्मा, जीवनधर झा, पवन कुमार चौधरी, अनिल यादव, तेतर राम, ललन खां, उमेश राम, विद्यानंद यादव को भी चोट आई।
मेडिकल काॅलेज तक पुलिस को खदेड़ा गया
बताया गया कि शुक्रवार की रात को जब पुलिसकर्मी और होमगार्ड जवानों पर ईंट-पत्थर और लाठी-डंडे आदि से हमला किया गया तो घायलों को मेडिकल कॉलेज में लाया जा रहा था। मेडिकल कॉलेज के स्टाॅफ कहते हैं कि यहां भी हंगामा करने वाले पहुंच कर खदेड़ने लगे। लेकिन जब वहां तैनात गार्ड और पुलिसकर्मी अड़ गए तो हंगामा करने वाले वहां से भाग गए। दूसरी ओर, सअनि राकेश कुमार सिंह का कहना है कि वह पुलिस बल को लेकर शाम को घटना स्थल पर पहुंचे तो हनुमान मंदिर के सामने 250 महिला-परुरुष जमा थे। वे लोग चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए सड़क पर टायर जलाकर एवं बांस लगाकर जाम किए हुए थे। साथ ही विजय मुखिया के पति परवेज आलम तथा जिला प्रशासन के विरुद्ध अपशब्दों का प्रयोग कर रहे थे। ये लोग लिखित में शिकायत भी नहीं कर रहे थे। पुलिस की माने तो वे लोग पदाधिकारियों से भी धक्का-मुक्की किए। बाद में रात को जब सिंहेश्वर पुलिस लाइन से पुलिस बल पहुंचा तो उपद्रवियों ने लाठी-डंडा एवं हथियार से लैस होकर हमला कर दिया।