मधेपुराल। मुरलीगंज में शराब की तस्करी तेजी से फल-फूल रही है। शराबबंदी लागू होने के बावजूद प्रत्येक वर्ष होली के अलाव अन्य शादी विवाह के लगन में शराब तस्कर करोड़ों रुपये का व्यापार करता है। इसमें बड़े-बड़े अधिकारी से लेकर सफेदपोस तक शामिल रहते हैं। बता दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद सरकार ने उत्पाद अधिनियम में संशोधन करते हुए नियम को सख्त कर दिया है। इसमें शराब बनाना, बेचना और शराब का सेवन पर पूर्ण प्रतिबंध हैं। इसके बावजूद जिले में छापेमारी क्रम में काफी शराब बरामद होती है। अवैध शराब कारोबारी पर नकेल कसने में पुलिस प्रशासन विफल साबित हो रही है। आखिर किसके सहयोग से यह कारोबार दिन-प्रतिदिन फलफूल रहा है। सूत्रों की माने तो पड़ोसी राज्य व पड़ोसी देश में खुले आम शराब बिकने की वजह से बिहार में पूर्ण शराबबंदी सफल नहीं होता दिख रहा है। क्योंकि शराब व्यापारी बार्डर पाड़कर पड़ोसी देश व राज्य से विभिन्न माध्यमों से शराब लाकर बेचते हैं। कारोबारी शराब बेचकर दो से तीन गुना अधिक मुनाफा कमाते हैं।
बार्डर पार से आता हैं शराब
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के बाद भी पड़ोसी देश या राज्य से शराब लाया जाता है। जानकारी अनुसार मुरलीगंज में शराब लाने के लिए विभिन्न तरीकों को उपयोग में लाते हैं। जैसे कि बालू लदे ट्रक में शराब की बोतल लाई जाती है। वहीं दूसरा तरीका मछली लदे पिकअप से भी शराब लाने की जानकारी मिली है। इन तरीकों को उपयोग में लाकर शराब माफिया सफल हो रहा है। इस तरह से शराब लाने की विधि पर न तो प्रशासन को संदेह होता हैं और न ही आम नागरिक को।
शराब कारोबारी हो रहे मालामाल
विभिन्न जुगाड़ों से लाए गए शराब को तस्कर दोगुने से तीगुने मुनाफा लेकर बेच देता है। शराब बेचना अपराध होने के बावजूद भी लोग अवैध तरीके से शराब बेचकर अधिक रुपया कमा रहा है। सूत्रों की मानें तो शादी की पार्टीयों में लोग खुले आम शराब का उपयोग करता है। उनलोगों के नाम व पहचान न बताने की शर्त पर बताया कि अधिक पैसा देने पर भरपूर मात्रा में शराब उपलब्ध हो जाता है। शराब माफिया गिने चुने लोगों को ही शराब उपलब्ध कराता है।
पुलिस प्रशासन के लिए बनी है चुनौती
शराब माफियाओं की पहचान कर गिरफ्तारी पुलिस के लिए चुनौती बना हुआ है। पुलिस प्रशासन के लगातार छापेमारी के बावजूद भी शराब का व्यापार सहजता पूर्वक चल रहा है। ऐसे में कई तरह से सवाल भी उठ रहे हैं। आखिर पुलिस इन लोगों पर नकेल कसने में कामयाब क्यों नहीं हो पा रही है।