रिश्ते के लिए कानून से खेल:इंस्पेक्टर के साले के बेटे को बचाने को एसडीपीओ ने घटना को झुठलाया; एसपी ने पीड़ित के साक्ष्य पर केस को किया ट्रू
एक ही साक्ष्य को जब दो पदाधिकारी अलग-अलग नजरिए से देखते हैं तो एक अधिकारी घटना काे झूठा करार देते हैं, तो दूसरे अधिकारी के लिए वही साक्ष्य घटना को सत्य करार देने का साधन बन जाता है। मधेपुरा जिले के बिहारीगंज थाने में दर्ज मारपीट और गोली मारने के एक कांड में ऐसा ही हुआ। सर्किल इंस्पेक्टर प्रेम कुमार के साले के बेटे को निर्दोष साबित करने के लिए जिस मोबाइल कॉल डिटेल के साक्ष्य को उदाकिशुनगंज के एसडीपीओ सतीश कुमार ने अनदेखी करते हुए पूरी घटना को ही झूठा साबित करते हुए पीड़ित पक्ष पर ही उल्टा मुकदमा चलाए जाने की अनुशंसा की उसी मोबाइल कॉल डिटेल साक्ष्य को आधार मानते हुए एसपी योगेंद्र सिंह ने केस को ट्रू करार देते हुए तीनों अभियुक्तों की गिरफ्तारी का आदेश दिया। दरअसल, घटना के दौरान पीड़ित का मोबाइल छिनतई और उसी से वादी के रिश्तेदार को धमकी देने का आरोप लगाया गया है। इस केस के अनुसंधानकर्ता मो. हारुण ने केस में मदद करने के लिए पीड़ित पक्ष से घूस भी लिया। बावजूद अपने सीनियर पदाधिकारी के रिश्तेदार के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सके। मामले में कार्रवाई नहीं होने के कारण विवाद बढ़ता गया और होली के दिन फिर घटना हो गई। इस बार पीड़ित पक्ष पर केस दर्ज हुआ, जबकि पीड़ित पक्ष के आवेदन पर केस नहीं होने के कारण उनके घर की महिलाएं इंस्पेक्टर के खिलाफ बैनर-पोस्टर लेकर एसपी से शिकायत दर्ज कराने आईं।
खराब मोबाइल का सिम निकालकर दी धमकी : एसपी
एसपी योगेंद्र कुमार ने पर्यवेक्षण रिपोर्ट में लिखा है कि समीक्षा के क्रम में पाया गया कि वादी हीरालाल पासवान का मो. नं-7368085563 घटना के दिन छीन लिया गया था। इसी नंबर से वादी के भगीन दमाद कुस्थन वार्ड-1 निवासी अभिषेक राज उर्फ मिथिलेश पासवान के मोबाइल नंबर-62028038 पर केस उठाने की धमकी दी गई। तकनीकी अनुसंधान में पता चला कि वादी हीरालाल पासवान के साथ घटना की तिथि व समय को अभियुक्तों ने मोबाइल एवं रुपए छीन लिए। छीना हुआ मोबाइल खराब होने के कारण उसमें का सिम निकाल लिया गया। जिसका नंबर-7368085563 है। 19 दिसंबर 2020 को माेबाइल नम्बर 7368085563 से कुस्थन वार्ड-1 निवासी अभियुक्त मनीष कुमार ने अपने मोबाइल नंबर-9142035247 में लगाकर वादी के भगीन दामाद मिथिलेश पासवान के मोबाइल नंबर-6202903635 पर 20.49 बजे 9 सेकंड कॉल कर धमकी दी। इससे घटना सही प्रतीत होता है। एसपी ने विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी अभियुक्त रौशन यादव, चंदन यादव एवं मनीष यादव के विरुद्ध केस को सत्य पाया। साथ ही आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश भी दिया।
कुस्थन गांव की एक महिला ने युवक पर लगाया दुष्कर्म करने का आरोप
मधेपुरा| थाना क्षेत्र के कुस्थन गांव की एक महिला ने थाने में आवेदन देकर गांव के ही एक व्यक्ति पर दुष्कर्म का अारोप लगाया है। कहा कि 29 मार्च को दिन के करीब एक बजे वह अपने बासा पर मवेशी के लिए चारा लाने के लिए गई थी। बोरा में चारा डाल ही रही थी कि अचानक पीछे से रौशन यादव (इंस्पेक्टर के साला का बेटा) उसे पूरी ताकत के साथ भूसा पर पटक दिया और मुंह को बंद कर जोर-जबरदस्ती करने लगा। चिल्लाने की आवाज सुनकर आसपास के लोग आने लगे तो वह डरकर भागने का प्रयास करने लगा। इस दौरान उसके पति और भैंसुर ने आरोपी युवक को पकड़ लिया। उनके बीच हाथापाई होने लगी। तभी रौशन के चाचा और भाई एक अन्य युवक के साथ आए और उनके पति और भैंसुर को लाठी और बांस से जमकर पिटाई कर दी। लोगों की भीड़ जमा होते देख सभी आरोपी वहां से भाग गए। पीड़िता ने महिला थानाध्यक्ष से केस दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई है।
गोली चलती तो जख्म अगले हिस्से में होता: एसडीपीओ
एसडीपीओ सतीश कुमार के पर्यवेक्षण रिपोर्ट में कहा है कि आस-पास के लोगों ने घटना के दिन किसी प्रकार की कोई घटना घटित नहीं होने और न ही गोली चलने एवं न ही हल्ला-गुल्ला होने की बात कही है। अगर अभियुक्त द्वारा वादी का अपहरण कर घर में बंद करने तथा रात्रि में 7-8 गोली फायर कर वादी को जख्मी करने जैसी घटना हुई होती तो लोगों को जानकारी जरूर होती। इसके अलावा वादी के अनुसार भागने के क्रम में आरोपियों ने उसे गोली मार दी। अगर अभियुक्तों ने गोली मारी होती, तो वादी के जांघ के पिछले हिस्से में गोली लगती, न की अगले हिस्से में। जबकि वादी के जांघ के अगले हिस्से में जख्म पाया गया। चिकित्सक ने गोली का जख्म होने से भी इंकार किया है। वे कहते हैं कि वादी ने जिस सिम लगे मोबाइल के छीनने का आरोप लगाया है, वह तो पांच दिन पहले से बंद था। तो बंद मोबाइल को वादी के द्वारा अपने साथ में लेकर रखना असत्य प्रतीत होता है। एसडीपीओ ने घटना को असत्य करार देते हुए वादी पर केस चलाने का निर्देश दिया।