मधेपुरा। आगामी पांच अप्रैल तक पंचायतों का ऑडिट कराकर प्रतिवेदन समर्पित नहीं करने वाले पंचायत के मुखिया को इस बार चुनाव लड़ने की अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। निर्वाचन आयोग ने इसको लेकर गाइडलाइन जारी कर दी है। पूर्व में जहां इसकी निर्धारित तिथि 31 मार्च रखा गया था। लेकिन बाद में इसकी समय-सीमा बढ़ाकर पांच अप्रैल कर दिया गया है। पांच अप्रैल तक जमा करनी होगी रिपोर्ट राज्य निर्वाचन आयोग के जारी गाइडलाइन के बाबत पंचायती राज विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जिन पंचायतों के मुखिया या वार्ड सदस्यों द्वारा पांच अप्रैल तक ग्राम पंचायतों के आवंटित राशि का ऑडिट रिपोर्ट नहीं सौंपा जाएगा। आगामी होने वाले पंचायत चुनाव के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। साथ ही ग्रामीण नल-जल योजना व पक्की गली-नाली योजना को पूर्ण नहीं करनेवाले वार्ड सदस्यों को भी उक्त निर्देश दिया गया है। दोबारा चुनाव लड़ने की योग्यता की शर्त पूरी करने वाले ग्राम पंचायतों के मुखिया व वार्ड सदस्यों के लिए पांच अप्रैल की समय सीमा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
सरकारी कर्मी बने एजेंट तो जा सकते हैं जेल राज्य निर्वाचन आयोग के जारी मतगणना हस्तपुस्तिका के अनुसार राज्य में पहली बार ईवीएम के माध्यम से होने वाले पंचायत चुनाव में मतगणना से संबंधित दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है। निर्वाचन आयोग ने मतगणना अभिकर्ता (एजेंट) के लिए कोई विशेष योग्यता नहीं रखी है। पंचायत चुनाव लड़ने वाले संभावित उम्मीदवारों को यह सलाह दी गई है कि वे अपने अभिकर्ता के रूप में यथासंभव व्यस्क व अनुशासित व्यक्तियों की नियुक्ति करें। इससे उनके हितों की समुचित देखभाल हो सके। सरकारीकर्मी नहीं बन सकते हैं मतगणना अभिकर्ता केंद्र या राज्य के सरकारी कर्मी अभिकर्ता या मतगणना अभिकर्ता के रूप में कार्य करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार उम्मीदवार या उसके द्वारा नियुक्त निर्वाचन अभिकर्ता चुनाव में मतगणना के दौरान सिर्फ एक ही मतगणना अभिकर्ता की नियुक्ति कर सकेंगे। यहां तक कि सुरक्षाकर्मियों को भी मतगणना हॉल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। न्यायालय में सुनवाई के बाद होगी तिथि की घोषणा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारी में जुटे प्रत्याशियों को अभी चुनाव के तारीख की घोषणा को लेकर इंतजार करना होगा। ईवीएम से पहली बार होने वाले पंचायत चुनाव के लिए न्यायालय में छह अप्रैल को सुनवाई की जाएगी। जबकि इसके पूर्व ही राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम की आपूर्ति को लेकर एनओसी जमा कराना होगा। तत्पश्चात न्यायालय से आदेश मिलने के उपरांत चुनाव के तिथि की घोषणा की जाएगी।
क्या कहते है निर्वाची पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी विरेंद्र कुमार ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट को लेकर शेष बचे पंचायतों के मुखिया व अन्य प्रतिनिधियों को अल्टीमेटम दिया गया है। पंचायत चुनाव के तिथि की घोषणा अभी नहीं की गई है। ईवीएम से चुनाव कराने को लेकर उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। वहां सुनवाई की तिथि छह अप्रैल रखी गई है। उसके बाद संभवत: चुनाव के तिथि की घोषणा की जा सकती है। उन्होंने बताया कि चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग के स्तर से लगातार निर्देश मिल रहे हैं जिसका अनुपालन किया जा रहा है।