देश के कई हिस्सों में कोरोना ने फिर से अपना प्रकोप दिखाना शुरू कर दिया है. बिहार में भी कोरोना संक्रमण (Coronavirus In Bihar) अपना पांव पसारता नजर आ रहा है. स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए सूबे की सरकार ने सख्त निर्णय लेकर कई चीजों पर पाबंदी लगा दी है. राजधानी पटना में कम उम्र के बच्चों में भी संक्रमण के कई मामले सामने आए. जिसके बाद सरकार ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों को 11 अप्रैल तक के लिए बंद करने का आदेश जारी कर दिया. लेकिन शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए यह पाबंदी लागू नहीं की गई है. शिक्षक स्कूल आकर यहीं से ऑनलाइन कक्षाएं लेंगे.
रविवार को शिक्षा विभाग के द्वारा जारी आदेश के अनुसार, बिहार के सभी सरकारी एवं निजी स्कूलों /महाविद्यालयों/विश्वविद्यालयों/कोचिंग संस्थानों में शिक्षकों व कर्मियों को उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है. उन्हें संस्थानों में आने पर मनाही नहीं हैं. इस दौरान उन्हें पूर्व की तरह कोविड गाइडलाइन्स का पालन करना होगा, जो अनिवार्य है.
शिक्षण संस्थानों के बंद रहने के बाद भी छात्रों की पढ़ाई नहीं रुकेगी. उनके लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जाएंगी. शिक्षक स्कूलों से ही ऑनलाइन क्लास लेंगे. बता दें कि CBSE अगले महीने 10वीं बोर्ड की परीक्षा लेने जा रहा. इस दौरान छात्रों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं जारी रहेंगी. नये आदेश के तहत सभी शिक्षण संस्थानों को बंद तो किया गया है लेकिन पूर्व से निर्धारित परीक्षाओं को रद्द नहीं किया जायेगा.
पूर्व से निर्धारित परीक्षाओं को कोविड गाइडलाइन्स का पालन कराते हुए आयोजित कराया जायेगा. जिसमें कुछ शर्ते लागू की गई है. सभी शिक्षण संस्थानों को परीक्षा संचालने से पहले व बाद में संस्थान को सैनेटाइज करने का निर्देश दिया गया है. वहीं संस्थान में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन अनिवार्य रहेगा. गेट पर थर्मल स्कैनिंग व हैंड सैनिटाइजेशन की व्यवस्था भी रखनी होगी. साथ ही मास्क का उपयोग सबों के लिए आवश्यक रहेगा.
गौरतलब है कि पिछले साल 2020 में कोरोना संक्रमण के दस्तक के बाद लंबे समय तक शिक्षण संस्थान बंद करने पड़े थे. कक्षाएं ऑनलाइन संचालित की जा रही थी. वहीं कोरोना संक्रमण के रफ्तार में कमी आने के बाद स्कूलों में कक्षाएं सशर्त संचालित की जाने लगी थी. पहले राज्य के नौवीं और उससे ऊपर के क्लास को शुरू किया गया और एक मार्च से राज्य के पहली कक्षा से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों को खोलने का निर्णय लिया गया था. लेकिन कोरोना संक्रमण के दोबारा फैलने के कारण फिर एक बार संस्थानों को छात्रों के लिए बंद करा दिया गया है.