न्यूज डेस्क: बिहार के पंचायत जनप्रतिनिधियो और मुखिया का कार्यकाल 15 जून तक समाप्त हो जाएंगे। इससे पहले राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव किसी भी कीमत में करानी है और नए पंचायत सरकार का गठन करना हैं। लेकिन EVM के कारण मामला फंसा हुआ हैं।
खबर के मुताबिक 15 जून तक पंचायतों के निर्वाचित प्रतिनिधियों का कार्यकाल है। अगर इस अवधि तक चुनाव संपन्न नहीं होते हैं तो इस स्थिति में मुखिया-प्रमुख आदि के अधिकार छिन जाएंगे और पंचायती राज व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य अधिकारियों के जिम्मे होंगे।
बता दें की राज्य चुनाव आयोग बिहार में पंचायत चुनाव को जल्द से जल्द पूरा कराने के लिए तैयारी लगभग पूरा कर लिया हैं।
साथ ही साथ पंचायत चुनाव को सभी जिलाधिकारियों और पंचायत पदाधिकारियों को दिशा निर्देश भी जारी कर दिया हैं।
मिली जानकारी के अनुसार अगर बिहार पंचायत चुनाव में देरी होती है तो त्रि-स्तरीय व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य किनके माध्यम से संपन्न कराए जाएंगे। इसके लिए अधिनियम में संशोधन किया जाना जरूरी होगा। इसपर बहुत जल्द कोई फैसला हो सकता हैं।