Patna: बिहार सरकार ने बढ़ते हुए कोरोना संक्रमण को देखते हुए सभी स्कूल-कॉलेजों को 11 अप्रैल तक बंद करने का फैसला लिया है. वहीं, 11 अप्रैल के बाद स्कूल-कॉलेज खोलने को लेकर सरकार क्या फैसला लेगी अभी तय नहीं है. लेकिन प्राईवेट स्कूल एसोशिएसन ने 12 अप्रैल से सभी निजी स्कूल खोलने का ऐलान करके सरकार के फैसले को चुनौती दी है.
वहीं, लॉकडाउन के कारण संकट में चल रहे प्राईवेट स्कूलों ने लॉकडाउन खत्म होने के बाद राहत की सांस ली थी. लेकिन अचानक कोरोना के बढ़ते ग्राफ ने उनके सामने मुश्किलें खडी कर दी हैं. कोरोना के कारण सरकार की ओर से स्कूल बंद करने के फैसले ने स्कूल प्रबंधन की वित्तीय स्थिति पर बड़ा चोट कर दिया है.
पतली होती वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस बार स्कूल प्रबंधन सरकार के फैसले के आगे झुकने को तैयार नहीं है. जिससे भविष्य में एक टकराव देखने को मिल सकता है.
इधर, प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन की ओर से गुरुवार को पटना के डाकबंगला चौराहे पर प्रदर्शन किया गया. इसमें कई निजी स्कूल के मैनेजमेंट से जुड़े लोग शामिल होकर सरकार के फैसले का विरोध किया. वहीं, इस मौके पर एसोसिएशन के अध्यक्ष डी के सिंह ने कहा कि सरकार का फैसला स्टूडेंट और टीचर के हित में नहीं है. एक तरफ सरकार कोरोना संक्रमण की बात कहती है, लेकिन दूसरी तरफ यहां दुकानें खुलीं हैं, बाजार खुले हैं, राजनीतिक कार्यक्रम हो रहे हैं, दूसरे प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं, ऐसे में सिर्फ स्कूल पर पाबंदी क्यों.
सरकार के फैसले के बारे में डी के सिंह क कहना है कि प्राईवेट स्कूलों में ही बेहतर पढाई हो रही है. सरकार निजी स्कूलों की पढाई को भी चौपट करना चाहती है. इसलिए हमलोगों ने फैसला लिया है कि 12 अप्रैल से सभी प्राईवेट स्कूल को खोलेंगे. सरकार को चुनौती देते हुए कहा, 'अगर स्कूल बंद करने के फैसले को आगे बढाना भी चाहती है तो हम इस फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे, 38 जिलें में 50 हजार से ज्यादा स्कूल हर हाल में खुलेंगे.'