सहरसा। बिजली विभाग में मानव बल कार्यकर्ता के रूप में कार्यरत बैजनाथपुर वार्ड नंबर सात के निवासी वकील यादव की मौत बिजली की करंट लगने से पीएमसीएच में इलाज के दौरान गुरुवार को हो गई। वकील का शव पहुंचते ही स्वजनों के बीच कोहराम मच गया।
शुक्रवार की सुबह इस घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बैजनाथपुर चौक को जाम कर दिया। इससे सड़क पर वाहनों की लंबी कतार लग गई। जाम के लगभग पांच घंटे के बाद बिजली विभाग के एसडीओ द्वारा मृतक के स्वजन को चार लाख रुपये मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई में सहयोग और एक बच्चे को नौकरी देने का आश्वासन मिलने के बाद सड़क जाम समाप्त हुआ। हालांकि सड़क जाम के कारण राहगीरों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों ने बताया कि वकील यादव मां-बाप का इकलौता पुत्र था। उसके पिता का निधन भी एक साल पूर्व हो चुका है। अब उसके परिवार में एक वृद्ध मां के अलावा पत्नी और तीन बच्चे हैं। पिता के निधन के बाद घर की सारी जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई थी। परिवार का घर चलाने के लिए उसने बिजली विभाग में कार्य करना शुरू किया था।
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छह मार्च को हुआ हादसा
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ग्रामीणों ने बताया कि छह मार्च को सोनवर्षा प्रखंड के मैना गांव में एक ट्रांसफार्मर पर चढ़कर वह बिजली कनेक्शन का काम कर रहा था। इसी दौरान पावर सब स्टेशन के ऑपरेटर सुरेश साह द्वारा विद्युत आपूर्ति कर दी गई। जिसकी वजह से वकील यादव करंट की चपेट में आकर गंभीर रूप से जख्मी हो गया। जख्मी मानव बल कार्यकर्ता वकील यादव का इलाज फ्रेंचाइची और पदाधिकारी के आपसी चंदे से सहरसा के एक निजी क्लिनिक में कराया गया। जहां चिकित्सकों ने मानव बल कार्यकर्ता की हालत नाजुक देखकर उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया। पीएमसीएच में इलाज कराने के दौरान गुरुवार की सुबह उसकी मौत हो गई। शुक्रवार को शव के साथ लोगों ने बैजनाथपुर के बीपी गोलंबर के समीप सड़क जाम कर दिया।
सड़क जाम की सूचना मिलने पर बैजनाथपुर पुलिस शिविर प्रभारी मजबुद्धीन अहमद, एएसआई रामजी यादव, सुधीर सिंह, सीओ श्रीनिवास, मुखिया पंकज कुमार, गम्हरिया की कुमारी सोनी, सरपंच अरुण कुमार, पूर्व समिति अवधेश कुमार समेत अन्य लोगों से जाम हटाने का आग्रह करते रहे। लगभग पांच घंटे तक जाम रहने के बाद बिजली विभाग के बख्तियारपुर डिवीजन के सहायक अभियंता सुशील आनंद जाम स्थल पर पहुंचे। उन्होंने स्वजनों को चार लाख रुपये मुआवजा, बच्चों को पढ़ाई के लिए सारी सुविधा, एक बच्चे को बिजली विभाग में नौकरी और दोषी विभागीयकर्मी के ऊपर कार्रवाई करने का भरोसा दिया, तब जाकर सड़क जाम समाप्त हो सका।