सहरसा। गुरूवार को रक्तकाली-चौसठयोगिनी मंदिर न्यास समिति की बैठक हुई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए अध्यक्ष सह जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कहा कि रक्तकाली-चौंसठ योगिनी मंदिर के संचित निधि का सदुपयोग जनहित से जुड़े जनकल्याण एवं धार्मिक कार्यों में करने की बात कही। वहीं मत्स्यगंधा जलाशय में एक अप्रैल से वोटिग शुरू करने का निर्देश दिया।
बैठक में सहरसा नगर क्षेत्र अन्तर्गत के कई छठ तालाबों के घाटों के सु²ढ़ीकरण का निर्णय लिया गया। मंदिर सौन्दर्यीकरण के अंतर्गत गर्भगृह में टाइल्स मार्बल आदि लगाने, गेट के निर्माण पर सहमति व्यक्त की गई। विवाह भवन, परिसर, चहारदिवारी एवं गार्डेनिग एवं अन्य सौन्दर्यीकरण पर प्रस्ताव लेने की बात कही गई। जिलाधिकारी ने कहा कि दान पेटी एवं अन्य स्त्रोत से मंदिर को प्राप्त आय को संचालित बैंक खाते में संधारित किया जाय। 31 मार्च को दान पेटी खोलने का निर्देश दिया गया। मंदिर के पुजारी सहित सभी कर्मियों को देय मानदेय की राशि बैंक खाता के माध्यम से उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया। इस हेतु समाहरणालय से सेवानिवृति मुक्तेश्वर सिंह को कोषाध्यक्ष को सहयोग करने के लिए प्राधिकृत किया गया। मंदिर परिसर स्थित दुकानों के बंदोबस्ती के संदर्भ में विचार- विमर्शोपरांत दुकान की मासिक किराये में संशोधित दर 25 रूपये प्रति वर्गफीट के अनुसार मासिक किराया प्राप्त करने का निर्णय लिया गया। बैठक में कोविड-19 लॉक डाउन की अवधि में माह अप्रैल 2020 से अगस्त 2020 कुल-05 माह के दुकान किराये में 50 प्रतिशत किराया माफ करने का निर्णय लिया गया। मत्स्यगंधा झील के जीर्णोद्धार के उपरांत वोटिग के संबंध में विचार विमर्श किया गया। कहा कि अगर वोट मरम्मत योग्य नहीं है तो नया वोट खरीदने का प्रस्ताव दें। आगामी एक अप्रैल 2021 से मत्स्यगंधा झील में वोटिग सुविधा उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक तैयारियां कर लेने का निर्देश दिया गया। बैठक में डीडीसी राजेश कुमार सिंह, सदर एसडीओ शंभुनाथ झा, प्रभारी पदाधिकारी सामान्य शाखा, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद, कार्यपालक अभियंता एलईओसहायक अभियंता भवन प्रमंडल, मंदिर न्यास समिति के सभी सदस्य व व्यवस्थापक कुमार हीरा प्रभाकर उपस्थित रहे।
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स्कूल की छात्राओं को मिलेगी सुविधा
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पूरब बाजार स्थित कन्या मध्य विद्यालय में पढ़ने वाली छात्राओं के लिए शौचालय सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। डीएम ने तटबंध के अंदर कठडुमर एपीएचसी की खराब स्थिति के कारण आस-पास के कई पंचायतों की महिलाओं को संस्थागत प्रसव का लाभ नहीं प्राप्त होने का उल्लेख करते हुए कहा कि तटबंध के अंदर दुर्गम एवं आवागमन की कठिनाई के कारण होम डिलेवरी से गर्भवती महिलाओं एवं नवजात शिशुओं को चिकित्सा सुविधा समय पर उपलब्ध नहीं होने पर मृत्युदर की संभावना रहती है। 10 से 12 लाख के प्राक्कलन से कठडुमर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को दुरूस्त कर संस्थागत प्रसव की सुविधा उपलब्ध कराने की बात कही।