पटना। Mahashivratri 2021 हिंदु धर्मावलंबियों के प्रमुख त्योहरा महाशिवरात्रि (MahaShivratri) के अवसर पर गुरुवार को पूजा-अर्चना करने के लिए श्रद्धालु सुबह से ही भगवान शिव के मंदिरों में उमड़ रहे हैं। माना जाता है कि आज शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, बेर आदि चढ़ाने से भगवान शिव की कृपा मिलती है तथा मनोकामनाएं पूरी होती हैं। लेकिन अधिकांश जगह कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के तहत शारीरिक दूरी व मास्क पहनने के प्रावधानों की अवहेलना होती दिख रही है। इसके बाद अपराह्न काल में पटना सहित जगह-जगह शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी। बिहार में कैसे मनाई जा रही है महाशिवरात्रि, आइए डालते हैं नजर।
महाशिवरात्रि के अवसर पर बिहार के कैमूर जिला के प्राचीन पंचमुखी शिवलिंग व मां मुंडेश्वरी मंदिर में दर्शन-पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। यह मंदिर कैमूर के भगवानपुर अंचल के रामगढ़ गांव अंतर्गत पवरा पहाड़ी पर लगभग 608 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। मां मुंडेश्वरी मंदिर में भगवान शिव का एक पंचमुखी शिवलिंग है, जिसके बारे में कहा जाता है कि इसका रंग बदलता रहता है।
सिवान के प्रसिद्ध मेंहदार शिव मंदिर में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है। नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम सहदेव ने मेंहदार में 17वीं सदी में इस मंदिर को बनवा कर इसका नाम महेंद्रनाथ रखा था। सिवान के ही गुठनी स्थित सोहगरा मंदिर में भी सुबह पांच बजे से भक्त उमड़ पड़े हैं।
रोहतास के सासाराम स्थित डेहरी झारखंडी शिव मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर जलाभिषेक तथा पूजा के लिए जन-सैलाब उमड़ पड़ा है। हर जगह की तरह यहां भी कोरोना संक्रमण से बचाव की गाइडलाइन पर लोगों का ध्यान नहीं है।
महाशिवारात्रि के अवसर पर गया के लखैयपुर मंदिर और बक्सर के ब्रह्मेश्वर धाम में भी जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।
मुजफ्फरपुर के बाबा गरीब नाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के अवसर पर जलाअभिषेक के लिए तांता लगा हुआ है। वहां जलाभिषेक के बाद नंदी के कान में कुछ कह कर अपनी मुराद भी मांगने की परंपरा है। महाशिवरात्रि को लेकर मंदिर की भव्य सजावट देखते बनती है। मदिर में बगैर मास्क के प्रवेश की अनुमति नहीं है, लेकिन अनेक श्रद्धालु बिना मास्क पहने ही कतार में लगे दिखे।
कटिहार में जलाभिषेक के लिए मनिहारी गंगा घाट से जल भरकर कांवरियों का जत्था रवाना हुआ तो
बेगूसराय के हरिगिरि थाम में भी पूजा करने श्रद्धालु उमड़े।
भागलपुर के बाबा वृद्धेश्वर नाथ मंदिर हो या पटना से सटे बिहटा का अति प्राचीन बाबा बिटेश्वरनाथ मंदिर, हर जगह जलाभिषेक को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी है।