मधेपुरा [सुकेश राणा]। मधेपुरा पुलिस की कहानी अजब-गजब है। आधा लीटर शराब के साथ एक मोटरसाइकिल चार साल पहले जब्त किया था। चार साल की लंबी लड़ाई के बाद जब कोर्ट से मोटरसाइकिल रिलीज का आर्डर दिया गया तो वादी को सिर्फ चेचिस मिला। वादी अब लड़ाई के लिए हाई कोर्ट जाने की तैयारी में हैं। दरअसल मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत रजनी दगमरा के रामू ततमा चार साल की लंबी लड़ाई लड़़ी है। लेकिन रामू को न्याय के रूप में केवल गाड़ी का चेचिस मिला है। अब रामू इस लड़ाई को हाईकोर्ट तक ले जाना चाह रहे हैं। इस लड़ाई में उनके वकील धरणीधर भी शामिल हो गए हैं।
अधिवक्ता का कहना है कि इस लड़ाई सिस्टम के खराब हालात से निपटने के लिए होगा। ताकि आने वाले समय में और कोई रामू को इस तरह लाचार व विवश नहीं होना पड़े। रामू को मुरलीगंज पुलिस के एएसआइ दूधनाथ ङ्क्षसह ने पांच जनवरी 2018 को जोरगामा के समीप आधा लीटर शराब के साथ गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसकी ने 9-10 माह पुरानी हीरो होंडा की बाइक भी जब्त कर लिया था। घटना के बाद अपनी व गाड़ी को रिलीज कराने के लिए रामू ने कोर्ट में गुहार लगाई। इसमें उसे सफलता मिली। मद्य निषेघ से जुड़े स्पेशल कोर्ट ने 19 सितंबर 18 को गाड़ी रिलीज करने का आदेश दिया। लेकिन थाना प्रभारी ने कोर्ट के उस आदेश को मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद रामू के अधिवक्ता ने इस पर कोर्ट को इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया। इसके बाद 22 नवंबर 19 को कोर्ट ने थाना प्रभारी के खिलाफ वेतन रोकने का आदेश दिया। बावजूद गाड़ी रिलीज नहीं किया गया।
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पुन: कोर्ट ने एसपी को गाड़ी रीलीज नहीं करने पर वेतन रोकने के लिए आदेश दिया। उसके बाद भी थाना प्रभारी गाड़ी छोडऩे के बजाए डीएम कोर्ट से आदेश लाने को कहा। इसपर डीएम के कोर्ट ने भी एडीजे के कोर्ट के आदेश को यथावत मानते हुए 24 नवंबर 20 को गाड़ी रिलीज करने का आदेश दिया। जब डीएम के आदेश के बाद रामू थाना गया तो नई गाड़ी की जगह केवल चेचिस मिला। इस पर रामू ने प्रतिकार किया तो थानाध्यक्ष ने कहा कि जैसा उसे ही ले जाना होगा। गाड़ी की खास्ता हाल देख रामू के अधिवक्ता ने फिर कोर्ट में अर्जी देने का मन बनाया है। अधिवक्ता का कहना है कि गाड़ी का थोड़ा बहुत हालत खराब रहता तो समझ में आता। लेकिन इस हालत में गाड़ी लेना ही अपने आप में अनुचित है।