बता दें की वर्तमान में ऑनलाइन तकनीक को अपना कर बिहार सरकार ने जमीन की खरीद बिक्री को पारदर्शी बनाया हैं। इससे जमीन के फर्जीवाड़े में कमी आई हैं। साथ ही साथ जमीन धोखाधड़ी का मामला भी पहले के मुकाबले कम हुआ हैं।
बिहार में कैसे होता है जमीन का फर्जीवाड़ा, सभी लोगों को जानना ज़रूरी।
मिली जानकारी के मुताबिक बिहार में जमीन फर्जीवाड़ा का मूल आधार खतियान है।
जमीन बेचने वाला अब उस नाम पर कर्मचारी से मिलीभगत कर नया जमाबंदी खोल लेता है और उसे दोबारा बेच देता है। इस तरह से जमीन का फर्जीवाड़ा होता हैं। इस फर्जीवाड़े को ख़त्म करने के लिए बिहार सरकार नई व्यवस्था करने जा रही हैं। इस व्यवस्था के तहत जमीन की खरीद बिक्री होते ही नक्शा और खतियान भी बदल जाएगा। जिससे जमीन का फर्जीवाड़ा करीब-करीब समाप्त हो जायेगा।