बिहार बोर्ड इंटर मूल्यांकन में शामिल नहीं होने वाले परीक्षक और एमपीपी पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। इसके लिए बिहार बोर्ड ने सभी डीईओ को निर्देश दिया है। सभी डीईओ संबंधित जिले में निर्धारित मूल्यांकन केंद्रों की समीक्षा करेंगे कि कितने परीक्षक और एमपीपी ने अभी तक योगदान नहीं किया है।
परीक्षकों और एमपीपी के जल्द से जल्द योगदान करने को कहा जाएगा। इसके बाद भी अगर योगदान नहीं दिया जाता है तो उन पर बिहार परीक्षा संचालन अधिनियम 1981 धाराओं के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। अगर इनके कारण मूल्यांकन प्रभावित होता है, तो ऐसे परीक्षकों और एमपीपी पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। पटना जिला की बात करें तो इंटर मूल्यांकन में 1368 परीक्षक लगाये गये है।
ज्ञात हो कि इंटर मूल्यांकन पांच से 15 मार्च तक चलेगा। इसके लिए प्रदेश भर में 130 मूल्यांकन केंद्र बनाये गये हैं, लेकिन कई मूल्यांकन केंद्रों पर अभी परीक्षक और एमपीपी ने योगदान नहीं दिया है।
चार-पांच मार्च को करना था योगदान
परीक्षक और एमपीपी को चार मार्च को योगदान करना था। लेकिन जो चार को नहीं कर पाये उन्हें किसी भी स्थिति में पांच मार्च को योगदान करना था। लेकिन हर केंद्र पर दो से तीन परीक्षकों ने योगदान नहीं किया।