पूर्णिया। ग्रामीण कार्य विभाग बायसी के लिए सरकारी आदेश और नियम किस हद तक मायने रखते हैं इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की यहां योजनाओं के लिए निकाली गयी निविदा के नाम पर खानापूरी कर खैरात की तरह योजनाएं बांटी गयी। अब जबकि मामला सामने आया है तो विभाग के हाथ पांव फूलने लगे हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता ने इस मामले में बायसी के वर्तमान कार्यपालक अभियंता से रिपोर्ट मांगी है। ग्रामीण कार्य विभाग के अभियंता
जांच रिपोर्ट सौंपने का दिया निर्देश
प्रमुख अशोक मिश्रा ने आरोप वाले बिंदुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है।
कार्यशैली पर उठाए सवाल
अभियंता प्रमुख ने बायसी के ग्रामीण कार्य प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता से इन विन्दुओं पर जांच कर रिपोर्ट देने को कहा है ताकि इस निविदा का निपटारा किया जा सके। बताया जाता है की ग्रामीण कार्य विभागी? में दायर इस शिकायती वाद ने बायसी कार्य प्रमंडल की पूर्व की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह उठ खड़ा हुआ है की क्या निविदा बिना किसी जांच के कर दी गयी। निविदा के चयन में जीएसटी जैसे महत्वपूर्ण कागजातों का मिलान तक नहीं किया गया। इस पूरे मामले में पूर्व कार्यपालक अभियंता मुरली प्रसाद जो अवकाश ग्रहण कर चुके हैं उनकी कार्यशैली एवं भूमिका पर भी सवाल खड़े कर दिए है। हालांकि मुरली प्रसाद के खिलाफ अवकाश ग्रहण करने के बाद विभाग ने अनुशासनिक कार्रवाई एक मामले में की है जिसमें विभागीय कार्रवाई में बरती गयी लापरवाही को लेकर इनके ऊपर गाज गिरी है।
अभियंता प्रमुख ने राम सखी इंटर प्राइजेज के संबंध में मिली शिकायतों के आधार पर जांच कर प्रतिवेदन मांगा है, इस पत्र के आलोक में जांच शुरू की जा रही है, प्रथम ²ष्टया जीएसटी के कागजात में नाम में अंतर पाया गया है और बिन्दुओं पर जांच की जा रही है: अर्जुन प्रसाद कार्यपालक अभियंता ग्रामीण कार्य विभाग बायसी