चुनाव आयोग की तरफ से किसी भी दिन पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है. अपने नए आदेश में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि अगर कोई व्यक्ति पंचायत राज अधिनियम 2006 के तहत भ्रष्टाचार का दोषी पाया जाता है तो वह न तो चुनाव लड़ सकता है और अगर कोई व्यक्ति अभी पंचायत का सदस्य है तो उसकी सदस्यता रद्द कर दी जाएगी.
नौकरी वाले उम्मीदवार भी होंगे अपात्र
बिहार पंचायत दिशा निर्देशों के अनुसार भ्रष्टाचार के अलावा 11 मामलों से जुड़े लोगों को चुनाव में भागीदारी से रोका जा सकता है. ऐसा लोग जो किसी चुनाव संबंधी कानून में अयोग्य घोषित किया गया हो या फिर ऐसे लोग जिनकी उम्र 21 साल से कम है. ऐसे लोग भी चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर नहीं उतर सकते जो दिमागी तौर पर कमजोर हो. इसके साथ ही केंद्र या फिर राज्य सरकार के अंतर्गत नौकरी करने वाला व्यक्ति के अपात्र होगा.
चुनाव आयोग ने अपनी गाइडलाइंस में कहा है कि केंद्र या फिर राज्य सरकार से संबंधित संस्था में काम करने वाला या फिर राज्य या फिर केंद्रीय सरकार के संबंध में कार्य करने वाली संस्था से कदाचार के मामले में बाहर किया गया शख्स भी चुनाव नहीं लड़ सकता.