- राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रखंड स्तर पर ईवीएम से मतगणना को लेकर जिला निर्वाचन अधिकारियों को दिए निर्देश
- मतगणना केंद्रों की गोपनीय सूचना लीक करने पर जाना होगा तीन महीने के लिए जेल और भरना होगा जुर्माना
विधानसभा चुनाव की तर्ज पर मतों की गिनती कराने की तैयारी
राज्य निर्वाचन आयोग ने विधानसभा चुनाव 2020 की तर्ज पर प्रबंधन सुनिश्चित करने का सुझाव दिया है। कहा है कि अधिकतम वार्ड वाले पंचायत के वार्डों की संख्या के अनुसार मतगणना मेजों की संख्या तय की जा सकती है। निर्वाची पदाधिकारी विधानसभा चुनाव 2020 में नियुक्त किए गए अतिरिक्त सहायक निर्वाची पदाधिकारी की सहायता ले सकते हैं।
मतदान केंद्र से सूचना लीक करने पर होगी तीन माह की जेल
आयोग ने एजेंटों को चेतावनी दी है कि मतगणना केंद्रों की गोपनीय सूचना लीक करने पर तीन महीने के लिए जेल के साथ जुर्माना भी भरना होगा। गोपनीयता भंग को लेकर अन्य विस्तृत कार्रवाई का भी प्रविधान किया गया है। इसका मतलब यह कि मतगणना से जुड़ी जानकारियां बगैर आधिकारिक अनुमति के मतगणना केंद्र के बाहर भेजने पर प्रतिबंध रहेगा। बिहार में पंचायत चुनाव इस बार ईवीएम से कराए जाने हैं। हालांकि इसके लिए ईवीएम की व्यवस्था अब तक नहीं हो सकी है। इसके पीछे वजह यह है कि राज्य निर्वाचन आयोग को ईवीएम खरीद के लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग से अनुमति नहीं मिल रही है। यह मामला फिलहाल पटना उच्च न्यायालय में चला गया है।