संवाद सूत्र, बाराहाट, बांका : Bihar, Banka News : उम्र के ढलान पर बागवानों की सहायता के लिए सरकार ने वृद्धा पेंशन योजना शुरु की है। जिससे उन्हें जीवन यापन के लिए ना तो किसी का मोहताज होना पड़े और न ही मेहनत व मजदूरी करनी पड़े। पर इसके दिगर प्रखंड क्षेत्र के वृद्धों ने मेहनत कर रोटी कमाने के मामले में युवाओं को भी पीछे छोड़ दिया है। यहां वृद्धा पेंशन पा रहे वृद्ध भी मनरेगा में पसीना बहा रहे हैं। इसे वृद्धों का जज्बा कहें या विभाग की कारस्तानी। इसकी जानकारी तो धरातल पर उतारी गई योजनाओं में मजदूरी करने वालों की जांच के बाद ही हो सकेगी। फिलहाल, मनरेगा योजना की जो तस्वीरें सामने आ रही है, वो सीधे तौर पर विभाग को कटघरे में खड़ा करने के लिए काफी है
जानकारी के मुताबिक प्रखंड क्षेत्र के घोषपुर गांव में मनरेगा योजना के तहत कार्तिक पासवान के खेत से पाठक के खेत तक की गई डांड़ की झड़रई के मास्टर रोल में 75 वर्षीय धनंजय यादव को मजदूरी करते हुए दिखाया गया है। जो 2020 तक मनरेगा में काम कर मजदूरी ले रहे हैं। जबकि ये पिछले एक दशक से वृद्धा पेंश्खन का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा राजकुमार दास, बाबू लाल हरिजन, हरी पातर, सुरेश दास, मटरू मेहतर, कपिल देव ठाकुर एवं षंभू जमेदार सहित दर्जनों पेंशधारियों के नाम पर राशि की निकासी की गई है। जबकि कोरोना काल में लगाए गए लाॅकडाउन की वजह से क्षेत्र के सैकड़ों युवा बेरोजगार हो गए हैं। पर उन्हें रोजगार नहीं देकर यहां कागजी घोड़े पर दौड़ रहे मनरेगा योजना में वृद्धा पेंशन का लाभ लेने वालों के नाम पर भी सरकारी राशि के गबन का खेल खेला जा रहा है।
साठ की दहलीज पार करने वाले वृद्धों से मनरेगा योजना के तहत महज बागवानी कराई जा सकती है। इसके अलावा अन्य किसी भी योजना में इनसे मजदूरी नहीं कराई जानी है। लेकिन क्षेत्र में मनरेगा योजना में पेंशनधारियों के नाम पर राशि की निकासी की गई है, तो इस मामले की जांच कराई जाएगी। इसमें जो भी दोषी पाए जाएंगे उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
जावेद कमान, पीओ, मनरेगा