सदर थाना क्षेत्र के मधेपुरा-सुखासन रोड स्थित आरपीएम कॉलेज के पास मधेपुरा से घर जा रहे साइकिल सवार राजमिस्त्री की स्कॉर्पियो की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद स्काॅर्पियो चालक वाहन लेकर फरार हो गया। घटना सोमवार देर रात की है। घटना से आक्रोशित लोगों ने मधेपुरा-पतरघट सड़क को रात में ही जाम कर दिया तथा टायर जलाकर विरोध- प्रदर्शन किया। ग्रामीण फरार स्कार्पियो चालक के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही मुआवजा राशि की भी मांग कर रहे थे। रोड जाम होने की सूचना मिलते ही सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह तथा बीडीओ आर्य गौतम मौके पर पहुंच और लोगों को समझा-बुझाकर रात 10 बजे सड़क जाम हटवाया। इस दौरान मृतक के परिजनों को बीडीओ ने 20 हजार रुपए का चेक प्रदान किया तथा आश्वासन दिया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद चार लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी। ग्रामीणों की सहमति के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए पुलिस ने सदर अस्पताल भेजा। पोस्टमार्टम के बाद पुलिस ने शव को परिजनों को सौंप दिया।
शहर से काम कर घर जाने के दौरान घटी घटना
घटना की जानकारी देते हुए प्रत्यक्षदर्शी सुधांशु यादव ने बताया कि सदर प्रखंड के मदनपुर वार्ड संख्या-13 निवासी 36 वर्षीय रामकुमार यादव राजमिस्त्री का काम कर मधेपुरा से घर जा रहा था। इसी दौरान आरपीएम काॅलेज के समीप पीछे से तीव्र गति से आ रही स्काॅर्पियो ने साइकिल मंे टक्कर मार दी। जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। जानकारी मिलते ही घटनास्थल पर स्थानीय लोगों की भीड़ जुट गई।
डेंजर जोन का बोर्ड नहीं लगने से हो रही दुर्घटना
बता दें कि 17 जनवरी से 17 फरवरी तक जिला परिवहन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटना के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए सड़क सुरक्षा माह का आयोजन किया गया था। इस दौरान लोगों को जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया। लोगों का कहना है किे डेंजर जोन चिह्नित कर बोर्ड लगा दिया जाए तो हादसे में कमी आ सकती है। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए।
माही मौत मामले की फोरेंसिक टीम ने की जांच, हत्या की आशंका
मधेपुरा | जिला मुख्यालय के अानंद बिहार मोहल्ला में सोमवार को अपने ही घर के आंगन में बांस से टंगे मिले माही के शव मामले की जांच मंगलवार को भागलपुर से आई चार सदस्यीय फोरेंसिक टीम ने की। सदर थानाध्यक्ष सुरेश प्रसाद सिंह के साथ घटनास्थल पर पहुंची टीम ने पूरा मुआयना किया तथा मृतक मानव राज उर्फ माही के बड़े भाई मानस राज तथा उसके मामा से घटना की जानकारी ली। टीम के सदस्यों ने बताया कि घटना आत्महत्या नहीं हत्या की ओर इशारा कर रही है। उन्हांेने सदर थानाध्यक्ष को घटना के पूरे दिन का इस इलाके में आ रहे मोबाइल कॉल का डिटेल निकाल कर जांच करने को कहा। पूछताछ के दौरान यह भी जानकारी मिली कि मृतक के पिता निरंजन कुमार तथा माता कल्पना देवी दोनों पेशे से शिक्षक और शिक्षिका हैं और घर में नहीं रहते हैं तो पूरे दिन मृतक के साथी बच्चे यहां आकर टीवी देखते थे और खेलते थे। लेकिन घटना के दिन देखा गया कि एक भी बच्चा न तो यहां खेलने और न ही टीवी देखने आया। आखिर उन बच्चों को यह कैसे पता चला कि आज घटना होने वाली है। पुलिस इसे भी केंद्र में रखकर अनुसंधान कर रही है।