स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने अपने करोड़ों ग्राहकों को इंस्टेंट लोन एप्स के प्रति आगाह किया है. एसबीआई ने अपने ट्विटर हैंडल पर ग्राहकों को अलर्ट किया है और कहा है कि वह किसी भी ऐसे लिंक पर जो अवांछित हों और साथ ही ऐसी एप्स से भी दूर रहें जो इंस्टेंट लोन्स मुहैया कराने के दावे करती हों. एसबीआई की तरफ से स्पष्ट कहा गया है कि अगर वो ऐसे लिंक्स पर ते हैं तो फिर उनके अकाउंट को खाली होते देर नहीं लगेगी.
5 मिनट में 2 लाख तक के लोन का वादा
एसबीआई के मुताबिक ग्राहकों को मैसेज भेजे जा रहे हैं जिसमें कहा जा रहा है कि उन्हें सिर्फ पांच मिनट में दो लाख रुपए तक का लोन मिल सकता है.
हद से ज्यादा इंट्रेस्ट
एसबीआई ने कहा है कि ऐसी कोई भी इंस्टेंट लोन एप जो आपको बिना किसी पेपरवर्क के बस दो मिनट में लोन मुहैया कराने का दावा करे, उससे बचें. अक्सर लोग इस तरह से लोन तो ले लेते हैं लेकिन फिर उन्हें भारी ब्याज दर अदा करनी पड़ जाती है. लोगों को इसके बाद बहुत से पैसा कर्ज में लेना पड़ता है ताकि वो कर्ज चुका सकें. कभी-कभी लोगों के पास फिरौती के लिए भी कॉल आने लगते हैं.
बहुत से लोगों की जिंदगियां ही इसकी वजह से खत्म हो गई हैं. एसबीआई ने ग्राहकों से स्पष्ट कहा है कि वो बैंक का दावा करने वाली ऐसी किसी भी कॉल पर कोई डिटेल न शेयर करें जिस पर उनसे बैंक अकाउंट या फिर ओटीपी जैसी जानकारी मांगी गई है.
एसबीआई की गाइडलाइंस
एसबीआई ने जो सेफ्टी टिप्स शेयर किए हैं वो कुछ इस तरह से हैं-
जो ऑफर है उसके लिए नियम और शर्तों को चेक करें.
किसी भी संदिग्ध लिंक को ने से बचें. कोई भी एप डाउनलोड करने से पहले उसकी विश्वसनीयता को चेक करें.
अपनी सभी वित्तीय जरूरतों के लिए इस लिंक पर -
https://bank.sbi
RBI ने भी दी चेतावनी
बैंक, नॉन बैकिेंग वित्तीय कंपनियां जो रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के साथ रजिस्टर्ड हैं, उनकी तरफ से कानूनी तौर पर लोन की पेशकश की जा सकती है. इसके अलावा राज्य सरकारों के साथ रजिस्टर्ड ईकाईयां भी कर्ज की पेशकश कर सकती हैं.
पिछले माह आरबीआई ने व्यक्तियों और छोटे उद्योगों को वॉर्निंग दी थी. एसबीआई ने कहा था कि किसी भी तरह से अनाधिकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आकर धोखाधड़ी का शिकार होने से बचें.
आरबीआई के मुताबिक इन प्लेटफॉर्म पर जिस कर्ज की पेशकश की जाती है, उसकी ज्यादा ब्याज दर बहुत ज्यादार होती है, कई प्रकार के चार्ज छिपे हुए होते हैं, रिकवरी करने के तरीके ऐसे होते हैं जो स्वीकार नहीं हैं और साथ ही यह उधार लेने वाले व्यक्तियों का डाटा मोबाइल फोन पर हासिल करके समझौतों का गलत प्रयोग करते हैं.