सहरसा [कुंदन कुमार]। कोसी के इलाके में जल संरक्षण के साथ ही नीली क्रांति योजना को बढ़ावा दिया जाएगा। इसको लेकर प्रधानमंत्री विशेष पैकेज योजना से इस इलाके में चार सौ से अधिक तालाब का निर्माण होगा। जिसमें आधुनिक तरीके से बड़े पैमाने पर मछली का भी पालन किया जाएगा। इससे जहां रोजगार सृजन होगा। इलाका मछली को लेकर पूरी तरह आत्मनिर्भर होगा और क्षेत्र में भी समृद्धि आएगी।
अनुसूचित जाति को मिलेगा 60 फीसद अनुदान
विशेष पैकेज के तहत कोसी प्रमंडल के तीनों जिले में लगभग चार सौ तालाब निर्माण की योजना है। इसके तहत रियङ्क्षरग तालाब, आद्र जलभूमि का विकास और नए तालाब का निर्माण किया जाना है। इस तालाब के निर्माण हेतु सामान्य वर्ग व अनुसूचित जाति- जनजाति दोनों को अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया गया है। सामान्य वर्ग को तालाब निर्माण के लिए कुल लागत का 40 फीसद और अनुसूचित जाति- जनजाति को 60 फीसद अनुदान दिया जाएगा।
इलाके में बड़े पैमाने पर होगा मत्स्यपालन
नीली क्रांति योजना के तहत मछली पालन, हेचरी निर्माण, फीड मिल स्थापना आदि के लिए भी कई योजना चलाई जा रही है। केंद्र सरकार की इस योजना से जहां जल संरक्षण होगा, वहीं केंद्र सरकार के विशेष पैकेज और मुख्यमंत्री विकास योजना से अन्य तालाबों के साथ इन नए तालाबों में बड़े पैमाने पर रेहु, कतला, मोई, सिल्वर क्राफ्ट, कॉमन क्राफ्ट जैसी मछलियां पाली जाएगी। इसके तट पर जल- जीवन हरियाली योजना से पौधरोपण भी होगा। चालू वित्तीय वर्ष में लगभग डेढ़ सौ हेक्टेयर भूमि में चार सौ नया तालाब बनाए जाने की रणनीति है। इसके लिए आवेदन आमंत्रित किया गया है।
विशेष पैकेज कोसी क्षेत्र में जलसंरक्षण के साथ- साथ मत्स्यपालन के लिए वरदान साबित होगा। इस इलाके में मत्स्यपालन की व्यापक संभावना भी है। इससे मत्स्यपालकों के साथ- साथ क्षेत्र का भी विकास होगा। -मनोरंजन कुमार, जिला मत्स्य पदाधिकारी, सहरसा।