सहरसा। राजद नेत्री पूर्व सांसद लवली आनंद ने बिहार सरकार के पेश किए बजट को बिहार के चहुंमुखी विकास के लिए पूरी तरह अक्षम और दिशाहीन बताया। बुधवार को फ्रेंड्स आफ आनंद के गंगजला स्थित आवास पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पिछले साल की तुलना में इस वर्ष का बजट 7100 करोड़ कम है। जबकि कोरोना संकट के कारण प्रदेश के समझ चुनौतियां बढ़ी है। कहा कि इस बजट में 20 लाख युवाओं को नौकरी देने के चुनावी वादे पर कोई ठोस ब्लूप्रिट नहीं है। बजट में रोजी देनेवाले उद्योग विभाग को मात्र 1285 करोड़ 17 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। इससे न औद्योगिकीकरण हो सकेगा और न ही रोजगार सृजन।
पूर्व सांसद ने कहा कि बजट में कोसी के साथ एकबार फिर छल हुआ है। यहां से पहली बार उप मुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री ऊर्जा मंत्री, उद्योग मंत्री सहित एनडीए के पांच-पांच मंत्रियों के रहते पिछड़े कोसी और मिथिलांचल को निराशा हाथ लगी है। खासकर सहरसा को न पेपर मिल मिला, न नगर निगम, न एम्स, न मेडिकल कॉलेज। सिर्फ एक मॉडल अस्पताल का लॉलीपाप थमा दिया गया है। सहरसा समेत राज्य के 20 जिले ऐसे हैं, जिसकी औसत सलाना आमदनी दस हजार से भी कम है। महंगाई आसमान छू रहा है, डीजल, पेट्रोल की बढ़ती दर के कारण किसान बेहद परेशान हैं। दोनों सरकार को आमजनों की कोई चिता नहीं है।
कांग्रेस जिलाध्यक्ष प्रो. विद्यानंद मिश्र ने सहरसा में दशकों से चिर प्रतीक्षित भारती मंडन विवि खोलने और राजद जिलाध्यक्ष मो. ताहीर ने जाम समस्या के निदान की मांग की। मौके पर कांग्रेस नेता गुणेश्वर सिंह, मो. मोईनउद्दीन, राजद नेता रघुनाथ यादव, प्रो. राजेंद्र यादव आदि मौजूद रहे।