कोशी लाइव डेस्क:
मधेपुरा। यहां परीक्षा पास कराने का ठेका लिया जाता है। इसमें कई कोचिग संस्थान भी शामिल हैं, जहां मामला तय होता है। छात्र के बदले दूसरे फर्जी लड़के को परीक्षा में बैठाया जाता है। पूरा मामला फीट रहता है। एक विद्यार्थी पर 50 से एक लाख तक का सौदा तय होता है। मधेपुरा में इंटर परीक्षा के दौरान अब तक चार फर्जी छात्र पकड़ा जा चुका है। पुलिस के पूछताछ में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। यहां इंटर परीक्षा के दौरान फर्जी छात्रों का पकड़ा जाना कदाचारमुक्त परीक्षा पर फिर से सवालिया निशान खड़ा हो गया है। पूरे मामले के बाद शिक्षा विभाग सकते में है। विभाग ने ऐसे छात्रों की जांच तेज कर दी है, लेकिन पूरी घटना के तह में शामिल ऐसे रैकेट के मामले में शिक्षा विभाग जानकर भी अंजान बना हुआ है। इंटर परीक्षा के दौरान एक ही केंद्र पर लगातार फर्जी छात्र पकड़े जा रहे हैं।
मालूम हो कि बुधवार को सीएम साइंस डिग्री कॉलेज में बुधवार को एक फर्जी छात्र पकड़ा गया था। गुरुवार को भी उसी केंद्र पर तीन फर्जी छात्र पकड़े गए। वे दूसरे छात्रों के बदले बैठक परीक्षा दे रहे थे। जानकारों का कहना है कि इस तरह के गैंग शहर व आसपास काम कर रहा है, जो मोटी रकम के बाद फर्जी छात्रों को परीक्षा में बैठाते हैं। पुलिस अभिरक्षा में फर्जी छात्रों ने पुलिस के समक्ष स्वीकार भी किया कि वे पैसे के कारण दूसरे के बदले परीक्षा दे रहा था। इसके पीछे कौन है, इसकी जांच का जिम्मा पुलिस के हवाले है। अब देखना होगा कि इस मामले में पुलिस कहां तक पहुंच पाती है। लोगों का कहना है कि जब एक केंद्र पर यह हाल है तो सभी केंद्रों पर अगर ढंग से इसकी जांच की जाए तो बड़ी संख्या में ऐसे फर्जी छात्र सामने आएंगे। विभाग भी मान रहा है कि पैसे के कारण कई छात्र इस खेल में शामिल हो जाते हैं।
जानकारी के अनुसार, इस खेल में फर्जी छात्र व पीछे के लोग पास कराने व दूसरों को बैठाने के बदले राशि वसूलते हैं। पकड़े जाने पर बेल करवाने तथा केस का खर्च उठाने की बात से मामले की डील होती है। यद्यपि केंद्राधीक्षक का कहना है कि कई छात्र भोलेपन में भी इसका शिकार होते हैं, जो भावनात्मक जुड़ाव व शेखी बघारने के लिए इस तरह का काम करते हैं। कई ऐसे भी फर्जी छात्र अपने ही परिजनों के बदले परीक्षा देते हैं। परीक्षा के बाद भी चलता है पास कराने का खेल परीक्षा में फर्जी छात्र के बाद भी इस तरह का खेल जारी रहता है। परीक्षा के बाद रिजल्ट के नाम पर फिर खेल शुरू हो जाता है। इसमें फोन कर कभी बोर्ड तो कभी शिक्षा विभाग ने नाम पर राशि की मांग की जाती है। यद्यपि यह मामला भी हर बार बोर्ड के समक्ष सामने आती है, लेकिन तबतक कई लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार कहते हैं कि इंटर व मैट्रिक परीक्षा में पास कराने के नाम पर खेल काफी पुराना है। इस बात की जानकारी बोर्ड से लेकर विभाग तक को है, लेकिन अच्छे अंक की चाहत में कई लोग इसका शिकार हो जाते हैं। मजेदार बात है कि ऐसे लोग स्वयं सामने नहीं आकर किसी के मार्फत या एकाउंट में रुपये डालने की बात करते हैं। कोट इस तरह का फर्जी मामला के प्रति लोगों को ही जागरूक होना होगा। बोर्ड या विभाग के लोग कभी इस तरह का फोन नहीं करते हैं। बावजूद ऐसे लोग इस तरह का मामला सामने आने पर पुलिस का जरूर सूचना दें। -जगतपति चौधरी, डीईओ, मधेपुरा