पटना संवाददाता। गली- गली खुलने वाले निजी विद्यालयों पर नकेल कसने के लिए पटना के जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को प्रस्ताव भेजा है कि सरकारी स्कूलों के तीन किलोमीटर के दायरे में निजी विद्यालयों के खोलने पर रोक लगाई जाए। जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने प्रस्ताव में कहा कि सरकारी स्कूलों के आसपास निजी विद्यालय खुलने के कारण कई बच्चे दोनों जगह नामांकित होते हैं। प्रतिवर्ष निजी विद्यालय खुलते जा रहे हैं, जिससे सरकारी विद्यालयों में बच्चों की संख्या लगातार कम हो रही है।
निजी स्कूलों को प्रस्वीकृति के लिए करना होगा ऑनलाइन आवेदन
जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज कुमार का कहना है कि अब निजी विद्यालयों को सरकार से प्रस्वीकृति लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
निजी स्कूलों में सभी शिक्षकों का प्रशिक्षित होना जरूरी
जिला शिक्षा अधिकारी ज्योति कुमार ने प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजे पत्र में कहा है कि बच्चों की मुफ्त एवं अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत सभी निजी विद्यालयों में शिक्षकों को प्रशिक्षित होना अनिवार्य है। सरकारी विद्यालयों में उन्हीं शिक्षकों को नियुक्त किया जाता है, जो शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण हैं। अप्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा समाप्त की जा रही है, लेकिन निजी विद्यालयों द्वारा मानकों का पूरा नहीं किया जा रहा है। कई बार निजी विद्यालयों में प्रस्वीकृति से पहले शिक्षकों को प्रशिक्षित दिखाया जाता है। लेकिन प्रस्वीकृति देने के बाद निजी विद्यालयों के प्रशिक्षित शिक्षक नौकरी छोड़ देते हैं।
शिक्षक-छात्र अनुपात का नहीं हो रहा पालन
निजी विद्यालयों में शिक्षक एवं छात्रों का अनुपात का भी पालन नहीं किया जा रहा है। निजी विद्यालयों में प्रस्वीकृति के दौरान सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित होना सुनिश्चित किया जाए। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस बात पर विशेष जोर दिया है कि निजी विद्यालयों में 25 फीसद सीटों पर अलाभकारी समूह के बच्चों का नामांकन अनिवार्य रूप से किया जाए।