डेढ़ साल का है कार्यकाल
दरअसल मुकेश सहनी को भाजपा (BJP) ने मंत्री बनाने के बाद डेढ़ साल के लिए विधान परिषद का सदस्य बनाया है। तेजस्वी का संकेत इसी ओर था कि पता न भाजपा दोबारा आपको सदस्य बनने को मौका देती है या नहीं। तब तो सदन में बैठ भी नहीं सकेंगे।
बता दें कि मुकेश सहनी की पार्टी ने विधान सभा चुनाव 2020 में भाजपा से समझौते के तहत 11 सीटों पर चुनाव मैदान उतरी। इनमें से चार सीटों पर वीआइपी ने जीत दर्ज की। मुकेश सहनी खुद अपनी ही सीट हार बैठे, मगर उनके चार विधायक जीतकर सदन पहुंच गए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें विधान परिषद का सदस्य बनाकर नीतीश मंत्रिमंडल (Nitish Cabinet ) में मंत्री बनाया है। हालांकि मुकेश सहनी डेढ़ साल कार्यकाल वाली खाली सीट पर विधान परिषद का सदस्य नहीं बनना चाहते थे। उन्होंने इसपर आपत्ति भी की थी। मगर भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित शाह (Amit Shah) के कहने पर मान गए।
गौरतलब है कि मुकेश सहनी पहले तेजस्वी के नेतृत्व वाली महागठबंधन (Grand Alliance) में थे। उन्होंने तेजस्वी से डिप्टी सीएम पद की मांग की थी। मांग पूरी नहीं होने पर भाजपा से हाथ मिलाकर एनडीए गठबंधन में शामिल हुए।