बिहार में उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री युवा महिला उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना शुरू करने जा रही है। इन दोनों योजनाओं के प्रस्ताव उद्योग विभाग ने तैयार कर लिए हैं। मगर इनमें से किसी भी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक का इंटर पास होना जरूरी है।
आईटीआई या पॉलीटेक्निक का डिप्लोमा या उसके समकक्ष योग्यता वालों को भी इसका फायदा मिलेगा। इतना ही नहीं सरकारी मदद से उद्यमी बनने के लिए आवेदक की उम्र 52 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना पार्ट-2 में प्रशिक्षण और रोजगार सृजन पर विशेष जोर है। युवाओं को कई स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जा रही है, ताकि वे नौकरी और स्वरोजगार में से कोई भी विकल्प चुनने के लिए तैयार हो सकें।
इन दोनों योजनाओं के तहत राज्य में हर साल ढाई हजार महिलाओं और इतने ही युवाओं को लाभ दिए जाने का प्रस्ताव है। वहीं जिलावार लक्ष्य भी निर्धारित किया जाएगा। लाभुकों की उम्र 18 से 52 वर्ष के बीच ही होनी जरूरी है, जबकि पहले से चल रही मुख्यमंत्री एससी-एसटी एवं अति पिछड़ा उद्यमी योजना में न्यूनतम आयु तो 18 साल है, लेकिन अधिकतम आयुसीमा निर्धारित नहीं है। लोक वित्त समिति की हरी झंडी के बाद इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।
फर्म या कंपनी का कराना होगा निबंधन
योजना का लाभ पाने के लिए आवेदकों को अपनी फर्म या कंपनी बनाकर उसका निबंधन कराना होगा। इसके लिए उनके पास कई विकल्प होंगे। मसलन प्रॉपराइटरशिप फर्म, पार्टनरशिप फर्म या प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में निबंधन होना चाहिए।
पांच लाख मिलेगा अनुदान
इस योजना के तहत नया उद्यम शुरू करने के लिए कुल 10 लाख तक की मदद मिलेगी। इसमें परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपए तक अनुदान मिलेगा। महिलाओं को पांच लाख बिना ब्याज और युवाओं को एक प्रतिशत ब्याज पर दिए जाएंगे। यह धनराशि लाभुकों को 84 किस्तों में लौटानी होगी।