फर्जी/अमान्य डिग्रियों की निगरानी जांच में ढिलाई पर हाईकोर्ट ने काफी सख्त तेवर अपनाया है। अदालत ने कहा है कि जो शिक्षक अपनी डिग्री की जांच में कोताही बरतेंगे उनका फरवरी महीने से वेतन रुक जाएगा। राज्य के 3 लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों में से फर्जी /अमान्य डिग्रीधारियों को चिन्हित करने के लिए निगरानी जांच में तेजी लाने के लिए पटना हाईकोर्ट ने यह सख्त आदेश दिया है। चीफ जस्टिस संजय करोल तथा जस्टिस अनिल कुमार सिन्हा की खण्डपीठ ने रंजीत पंडित की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट ने निगरानी ब्यूरो को भी दो हफ्ते की मोहलत देते हुए एक अद्यतन रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया, ताकि यह पता चले कि अब तक कितनी डिग्रियां जांच के लिए भेजी गई हैं।
जांच में 1275 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं
सुनवाई के दौरान अपर महाधिवक्ता और निगरानी ब्यूरो के सीनियर एडवोकेट अंजनी कुमार ने हाईकोर्ट को बताया कि 3 लाख से अधिक शिक्षकों के रिकार्ड्स की जांच की जा रही है। जांच के दौरान 1275 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए। कारीब 489 प्राथमिकियां दर्ज हो चुकी हैं।
ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर होगी कड़ी कार्रवाई
अभी हजारों की तादाद में कई शिक्षा अधिकारियों से प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहे हैं। इसपर कोर्ट ने शिक्षा विभाग को इस काम में ढिलाई बरतने वाले अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने आगाह किया कि जो शिक्षक अपने सर्टिफिकेट की जांच कराने में देरी करेंगे उनका वेतन फरवरी से रोक दिया जाएगा। मामले पर अगली सुनवाई 28 जनवरी को होगी।