केन्द्र के तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने और बिजली बिल- 2020 वापस लेने की मांग को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा व भाकपा-माले ने मंगलवार को कई जिलों में अनिश्चितकालीन धरने की शुरूआत कर दी। पटना में इसकी शुरुआत बुधवार को हुई। संगठन की मांगों में स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करते हुए सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी करने और बिहार में 2006 में खत्म कर दिए गए मंडी व्यवस्था को फिर से चालू करना भी शामिल है।
माले के कार्यालय सचिव कुमार परवेज ने बताया कि धरने में महासभा के राज्य सचिव रामाधार सिंह, माले विधायक सुदामा प्रसाद, राज्य सह सचिव उमेश सिंह और पटना जिला के सचिव कृपानारायण सिंह सहित वरिष्ठ नेतागण भाग लिया। इसके अलावा अलग-अलग जिलों में किसानों के साथ माले के सभी विधायक भी धरने पर बैठे। कई जगह किसानों ने धरना पर बैठने के पहले मार्च कर अपनी मांगों के समर्थन में लोगों का साथ आने का आह्वान किया।