पटना. बिहार की राजधानी पटना (Patna News) के उत्पाद विभाग के अधिकारियों और कर्मियों द्वारा शराब माफियाओं के साथ मिलकर शराब की तस्करी करने और अवैध संपत्ति अर्जित करने के आरोपों की जांच के लिए सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखने वाले मद्य निषेध विभाग के एसपी राकेश कुमार सिन्हा (Rakesh Kumar Sinha) का अचानक से तबादला कर दिया गया है. दरअसल, मद्य निषेध विभाग के एसपी ने सभी जिलों के एसपी को लिखे गए अपने पत्र में इस बात की चर्चा की है कि बिहार सरकार द्वारा शराबबंदी कानून लागू कर भले ही शराब (Liquor) की खरीद बिक्री पर रोक लगाई गई है, लेकिन अभी चोरी-छिपे शराब की खरीद और बिक्री पूरे राज्य में चल रही है.।
मध्य निषेध विभाग के एसपी की मानें तो उत्पाद विभाग के अधिकारी से लेकर आरक्षी तक नेताओं के साथ मिलकर शराब माफियाओं के माध्यम से शराब की खरीद बिक्री करवाने में लगे हुए हैं. एसपी का आरोप है कि मद्य निषेध विभाग उत्पाद विभाग के कर्मियों ने शराब के माध्यम से काली कमाई कर बेनामी संपत्ति अर्जित की है. यह संपत्ति उन्होंने अपने नाम से या फिर अपने रिश्तेदारों के नाम से बनाई है. अपने पत्र में मद्य निषेध विभाग के एसपी ने लिखा है कि अगर उत्पाद विभाग के कर्मियों और शराब माफियाओं के मोबाइल को सर्विलांस पर रखा जाए तब सारी हकीकत सामने आ जाएगी.
पत्र से पुलिस विभाग में मचा था हड़कंपमद्य निषेध विभाग के एसपी द्वारा जारी इस पत्र के बाद पुलिस महकमे में खलबली मची हुई थी. इस पत्र के जारी होने के बाद बिहार पुलिस मुख्यालय ने आनन-फानन में न केवल मद्य निषेध विभाग के एसपी राकेश सिन्हा को हटाने की अनुशंसा की बल्कि उनके द्वारा जारी पत्र को भी नए मद्य निषेध विभाग के नए एसपी संजय कुमार सिंह के आदेश से रद्द करवा दिया. मद्य निषेध विभाग के पूर्व एसपी ने जो आदेश पत्र जारी किया था उसके आधार पर जांच नहीं करवा कर उन्हें ही हटा दिए जाने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.