पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार से किसानों से जुड़ी यह बड़ी खबर है। राज्य सरकार ने केंद्रीय सहकारी बैंकों और बिहार राज्य सहकारी बैंक के 56 हजार बकायेदार किसानों को नोटिस जारी कर उन्हें बकाया कर्ज वापस करने को कहा है। उन्हें एकमुश्त समझौता योजना के तहत 90 फीसद तक ब्याज से छूट का लाभ लेकर ऋण का भुगतान करने का निर्देया दिया गया है। अगर यह योजना लागू होती है तो सरकार किसानों से 563 करोड़ रुपये की वसूली कर लेगी। सरकार के इस आदेश को लेकर किसानों में मिश्रित प्रतिक्रिया हो रही है।
योजना का सभी जिलों में प्रचार-प्रसार करने का निर्देश
सहकारिता विभाग की सचिव वंदना प्रेयषी ने 19 जिलों के केंद्रीय सहकारी बैंकों एवं बिहार राज्य सहकारी बैंक द्वारा लागू की गई एक मुश्त समझौता योजना के क्रियान्वयन की प्रगति की समीक्षा के बाद अफसरों को निर्देश दिया है कि इस योजना का सभी जिलों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए। यदि इस योजना का लाभ सभी बकायेदार किसान उठाएंगे तो सरकार के 563 करोड़ रुपये की उगाही होगी।
1600 किसानों से 6.52 करोड़ रुपये की वसूली
सहकारिता विभाग के मुताबिक एक मुश्त समझौता योजना के तहत अभी तक 1600 बकायेदार किसानों ने लाभ उठाया है और 6 करोड़ 52 लाख रुपये की वसूली की गई है। इसे ध्यान में रखते हुए सहकारिता सचिव वंदना प्रेयषी ने सभी बैंकों को निर्देश दिया है कि वे बैंक के स्तर पर योजना के क्रियान्वयन हेतु विशेष कैंप आयोजित करें। इन कैंपों में वे बकायेदार किसानों को योजना का लाभ दें। साथ ही व्यक्तिगत ऋणी सदस्यों के अलावे पैक्सों एवं अन्य सहकारी समितियों के जिम्मे बकाया कैश क्रेडिट ऋण अथवा अन्य ऋण का भी योजना के तहत समाधान कराएं।
वसूली आदेश को लेकर किसानों में मिश्रित प्रतिक्रिया
राज्य सरकार के इस वसूली आदेश को लेकर किसानों में मिश्रित प्रतिक्रिया है। एक ओर कुछ किसान इसे कर्ज से उबरने का बेहतर मौका बता रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ किसान कर्ज माफी या और रियायत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।