रेल अधिकारियों की लापरवाही से हर महीने करीब 12 लाख 72 हजार रुपए का डीजल बह कर बर्बाद हो रहा है। डीजल की कीमतों में अप्रत्याशित वृद्धि का असर भले ही आम लोगों पर पड़े लेकिन सरकारी अधिकारियों के लिए यह मायने नहीं रखता। सहरसा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 की पटरी संख्या 4 पर अवस्थित रेल डीजल इंजन में सप्लाई के लिए बिछाई गई पाइप से बह रहे डीजल की बर्बादी को रोकने के लिए जिम्मेदार रेल अधिकारियों की ओर से किसी तरह का प्रयास नहीं किया गया है। पाइप 17 जगहों पर क्षतिग्रस्त है। डीजल सप्लाई पाइप के कुल 47 छिद्रों से बूंद-बूंद कर डीजल टपक कर जमीन पर गिर रहा है। जबकि एक महीने में कुल 12 लाख 72 हजार 120 रुपए की डीजल पानी की तरह बर्बाद हो चुका है। बीते तीन महीने से हो रहे बर्बादी के आंकड़ों को देखें तो अब तक 37 लाख से अधिक मूल्य के डीजल बर्बाद हो चुका है। बता दें कि बीते 3 महीने पूर्व लॉकडाउन के खुलने और ट्रेन परिचालन शुरू होने के बाद डीजल सप्लाई चालू हुई है। 37 लाख रुपए के डीजल के नुकसान के लिए जिम्मेदार पदाधिकारी की खोज कौन करेगा ? वहीं अगर रेलवे के द्वारा क्षतिग्रस्त पाइप को अगर समय रहेत ठीक कर दिया जाता तो इतनी बड़ी मात्रा में डीजल की बर्बादी नहीं होती, लेकिन जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे।
नुकसान का गणित
डीजल इस गति से बह रहा कि एक बूंद से मात्र 20 मिनट में 150 एमएल डीजल बर्बाद। एक छिद्र से जब एक दिन में लगभग 11 लीटर डीजल टपक रहा है तो कुल 47 छिद्रों से एक दिन में कुल 517 लीटर डीजल बर्बाद होता है। डीजल की कीमत लगभग 82 रुपए है। ऐसे में 517 लीटर डीजल की कुल कीमत 42 हजार 404 रुपए प्रतिदिन रेलवे को नुकसान हो रहा है।
एक दूसरे पर जिम्मेदारी टालते रहे अधिकारी...
सहरसा रेलवे स्टेशन पर नियुक्त एसएसई (सीनियर सेक्शन इंजीनियर) शंभू कुमार से जानकारी लेने का प्रयास किया गया। दिन के 1 बजे से देर शाम 4 बजे तक उनके सरकारी मोबाइल नंबर 9771428431 पर कई दर्जन बार फोन किया गया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। समस्तीपुर के रेलवे पदाधिकारी डीईएन मयंक अग्रवाल से जानकारी लेने का प्रयास किया तो उन्होंने कहा मेरा सेक्शन नहीं है। फिर उन्होंने एसडीएमई रवीश कुमार का सरकारी नंबर उपलब्ध करवाया। भास्कर ने एसडीएमई रवीश कुमार से उनके नंबर पर बात की। उन्होंने कहा मेरी जानकारी में डीजल टपकने की कोई सूचना नहीं है। डीजल का सेक्शन डीएमई टीएस चंद्रशेखर कुमार देख रहे हैं। आप इसकी शिकायत उनसे करें। दैनिक भास्कर ने फिर डीएमई टीएस चंद्रशेखर कुमार के मोबाइल नंबर 9771428401 पर भी कई बार फोन मिलाया। रिंग हुआ लेकिन देर शाम तक उन्होंने फोन नहीं उठाया। ऐसे में आगे भी डीजल यूं ही बर्बाद होता रहेगा।