भूकंप भौगोलिक घटना है. इस पर ग्रहों की चाल का असर भी पड़ता है. इस बार 13 जनवरी से 23 जनवरी के बीच कर्क रेखा क्षेत्र में भूकंप आने की आशंका है.
13 जनवरी को पौष कृष्ण पक्ष अमावस्या है. इस दिन सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में रहेंगे. साथ ही आगामी सप्ताह में मकर राशि में चार से पांच ग्रहों की उपस्थिति रहेगी. मकर राशि पृथ्वी तत्व की चर राशि है. यह स्थिति भूकंपीय हलचल का कारण बन सकती है.
इससे आगे 19 से 23 जनवरी के बीच अभिजित ऩक्षत्र में सूर्य की उपस्थिति रहेगी. यह नक्षत्र सूर्य का नक्षत्र माना जाता है. इस नक्षत्र को दिन और रात्रि में 12 बजे आकाश के मध्य में देखा जा सकता है.
सूर्य की दशा दिशा तय करने में अभिजित् नक्षत्र का बड़ा हस्तक्षेप है. ऐसे में अपनी चाल में सकारात्मक सुधार के लिए सूर्य का अभिजित् ऩक्षत्र निर्देशक है.
कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है और इन दिनों सूर्य कर्क रेखा के अधिक नजदीक होता है. इससे आशंका प्रबल होती है कि कर्क रेखा पर इस दौरान बड़े भूगर्भीय बदलाव नजर आएं. ज्ञातव्य है कि सूर्य सर्पिलाकार गति से 70 हजार किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहा है. इससे तालमेल बनाए रखने के लिए पृथ्वी और चंद्रमा इसके अनुरूप होना अनिवार्य है. इस अनुरूपता में चंद्रमा और पृथ्वी पर भौगोलिक बदलाव आते हैं. जिस दिन पृथ्वी पर भूकंप आने बंद हो जाएंगे समझ लीजिएगा कि पृथ्वी उसके बाद कभी कक्षा से विमुख हो सकती है.