क्षेत्र कैसे विकसित हो इसके लिए रणनीति बनाएंगे। यहां के विकास के लिए राज्य व केंद्र सरकार से मिलेंगे। कृषि आधारित उद्योग कैसे लगे इसका प्रयास करेंगे
केंद्र सरकार की सभी योजनाएं फेल
सुभाषिनी शरद यादव शनिवार को अपने आवास पर पत्रकारों को संबोधित कर रही थीं। मौके पर उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का हर योजना फेल हो रहा है। नोटबंदी व जीएसटी को सरकार ने एतिहासिक बताया था। क्या हश्र हुआ सबको पता है। लाखों लोग बेरोजगार हो गए। कई कंपनियां बंद हो गई। कतार में खड़े लोगों की मौत हुई। कोरोना से लडऩे के नाम पर पूरे देश में चार घंटा के नोटिस पर लॉकडाउन कर दिया। नतीजतन बाहर में फंसे लोगों की ङ्क्षजदगी सड़कों पर खत्म हो गई। केंद्र सरकार हर फैसले को बताती रही लेकिन देश का भविष्य अंधकारमय होता चला गया। इसी प्रकार कृषि कानून को किसान हित में बताया जा रहा है जबकि इससे किसानों की परेशानी बढऩे वाली है।
मजबूरी में यहां से पलायन कर रहे लोग
पूंजीपतियों के हाथ में किसानों की किस्मत होगी। याद कीजिए वर्ष 2006 में बिहार में सरकार मंडी व्यवस्था को खत्म कर दी गई थी। उसके बाद क्या हुआ सबको पता है। आज भी यहां के लोग पलायन करते हैं। फसल खरीद की सरकारी व्यवस्था छोड़ किसान बिचौलिए के हाथ बेचने को मजबूर हैं। यह लड़ाई एमआरपी बनाम एमएसपी है। बिहारीगंज को वे कभी नहीं भूलेंगे। यहां का विकास करना ही उनका एकमात्र ध्येय होगा। मौके पर कांग्रेस अध्यक्ष सत्येंद्र ङ्क्षसह यादव, अमरेश कुमार सहित अन्य उपस्थित थे।