मधेपुरा। कृषि कानून, महंगाई व बढ़ते अपराध के खिलाफ गुरुवार को महागठबंधन घटक दल राजद, भाकपा, माकपा, भाकपा माले व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मौन जुलूस निकाला। इस दौरान कई लोगों ने हल, बैल, कुदाल के साथ रेलवे स्टेशन से निकलकर समाहरणालय तक पहुंचे।
मौन जुलूस में चल रहे प्रदर्शनकारी अपने हाथ में किसानों के हितकारी नारों की तख्ती लिए हुए था। जुलूस में सदर विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर ट्रैक्टर चलाते हुए मौन जुलूस का नेतृत्व कर रहे थे। जुलूस निकलने के पूर्व रेलवे स्टेशन परिसर में महागठबंधन के जिला संयोजक व भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर की अध्यक्षता में उपस्थित जनसमूह व आंदोलनकारी को संबोधित किया गया।
विधायक ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार किसान विरोधी है। दिल्ली के बॉर्डर पर काला कानून के खिलाफ घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन में भाग ले रहे 15 किसानों की मौत के जिम्मेदार कौन हैं। विधायक ने कहा कि केंद्र की सरकार पूरी तरह तानाशाही है। दिल्ली में इस कड़ाके की ठंड में आंदोलन पर डटे किसान संगठनों के नेताओं से सरकार सार्थक बातचीत नहीं कर पाई है। उन्होंने कहा कि कारपोरेट प्रस्त काला कृषि कानून जब तक वापस नहीं लिया जाता आंदोलन जारी रहेगा। राजद के जिलाध्यक्ष जयकांत यादव व भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि देश में 26 लाख करोड़ के वार्षिक कृषि व्यापार को कारपोरेट के हाथ में देकर खेत और खलिहान को गिरवी रखने का षड्यंत्र है। माकपा के जिला मंत्री मनोरंजन सिंह, जिला मंत्री विद्याधर मुखिया व राज्य कमेटी के सदस्य गणेश मानव ने कहा कि कृषि कानून से बड़े व्यापारियों को मनमानी कीमत वसूलने की छूट मिलेगी। मौके पर अरबिद यादव, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व उपाध्यक्ष प्रो. शफाली ने भी लोगों को संबोधित किया। वहीं गठबंधन के जिला संयोजक प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि किसान का बेटा और भाई देश की सीमा पर सरहद का सुरक्षा करता और किसान हमारा पेट भरता है। हमें जिदा रखता है। इसलिए किसानों की अनदेखी नहीं सहेंगे। उन्होंने कहा कि हमारी मांगे नहीं मानी गई तो अगले 12 जनवरी को मधेपुरा में विशाल आक्रोश मार्च होगा। इस अवसर पर महागठबंधन के नेता कृष्ण कुमार यादव, रमन कुमार शैलेंद्र यादव, शंभू, शरण भारतीय, सीता राम रजक, नजीर उद्दीन नूरी, इंजीनियर नवीन निषाद, राजेश रतन मुन्ना, सिंहेश्वर यादव, पंकज यादव, मनीष कुमार, विष्णुदेव यादव, अरविद यादव, रविशंकर यादव, विकास यादव, भूषण यादव, कृष्णा मुखर्जी, शंभू क्रांति, दिलीप पटेल, दशरथ यादव, मु. जहांगीर, मु. चांद, मु. सिराज, परमेश्वरी प्रसाद यादव, आलोक कुमार मुन्ना, अर्जुन यादव, विकास यादव, धीरेंद्र यादव, नित्यानंद यादव, अरविद यादव, इंजीनियर संजय, विमल विद्रोही, अजय कुमार यादव, गोपाल यादव, अनिल यादव, विकास कुमार मंडल, नवीन कुमार यादव, सुरेश कुमार यादव, अरुण कुमार यादव, मनोज यादव, मु. शफीक, पप्पू यादव, मु. इरफान, गोसाई ठाकुर, रूद्र नारायण यादव, देवेंद्र यादव, रविद्र यादव, असलम अंसारी, संजय यादव, फूलेंद्र यादव, संजीव कुमार, योगेन्द्र राम, दिनेश ऋषिदेव, अमेश यादव, प्रकाश कुमार पिटू, मोती सिंह, परमानंद यादव, अनिल भारती, पवन ठाकुर, संत यादव, सत्यम कुमार मो सद्दाम, जनार्दन यादव, उमा शंकर मुना, माधो राम सहित अन्य कार्यकर्ता मौन जुलूस में शामिल थे।