जिले के 114 शिक्षकों पर गिरी गाज
अनट्रेंड शिक्षकों को सेवा से हटाने को नियोजन इकाई को भेजा पत्र
शिक्षा अधिकार कानून के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षित होना आवश्यक
मधेपुरा।
जिले के विभिन्न प्रखंड क्षेत्र स्थित पंचायत व प्रखंड के 114 अनट्रेंड शिक्षकों को सेवा से हटाने की कवायद शुरू कर दी गयी है। शिक्षा अधिकार कानून के तहत 31 मार्च 2019 तक सभी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को प्रशिक्षण पूरी कर लेनी थी। प्रशिक्षण पूरी नहीं करने वाले विभिन्न प्रखंड क्षेत्र के 114 शिक्षकों को हटाने के लिए शिक्षा विभाग ने प्रखंड नियोजन इकाई को पत्र भेज दिया है। सेवा से हटाने का पत्र जारी करने के बाद कार्यरत शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। जानकारी के तहत बिहारीगंज प्रखंड क्षेत्र में सात, गम्हरिया में तीन, उदाकिशुनगंज में आठ, चौसा में 15, मुरलीगंज में 17, पुरैनी में 14, कुमारखंड में 15, सिंहेश्वर में पांच, मधेपुरा प्रखंड क्षेत्र में नौ अनट्रेंड शिक्षकों को हटाने के लिए पत्र जारी कर दिया गया है। साथ ही आलमनगर प्रखंड क्षेत्र में सात, घैलाढ़ में पांच, शंकरपुर में चार और ग्वालपाड़ा प्रखंड क्षेत्र में छह शिक्षकों को सेवा से हटाने के लिए प्रखंड नियोजन इकाई को पत्र भेजा गया है। प्रखंड स्तर के अधिकारी संबंधित पंचायत नियोजन इकाई को भी पत्र भेज रहे हैं।
विभागीय कोपभाजन बना अधिकांश शिक्षक: प्रशिक्षण पूरी नहीं करने वाले अधिकांश अनट्रेंड शिक्षक विभागीय कोपभाजन का शिकार हो गया है। 31 मार्च 2019 तक प्रशिक्षण पूरी कर लेने के विभागीय निर्देश के बाद भी सैकड़ों शिक्षक अनट्रेंड रह गये। एनआईओएस द्वारा शिक्षकों का फाइनल रिजल्ट 22 मई 2019 को दी गयी। रिजल्ट में काफी त्रुटि पायी गयी। अधिकांश अभ्यर्थी एक पेपर में फेल पाये गये। फेल शिक्षकों की जनवरी 2020 में फिर से परीक्षा हुई। परीक्षा के बाद नौ मार्च 2020 को रिजल्ट दिया गया। दूसरी तरफ ओडीएल में प्रशिक्षण ले रहे अनट्रेंड शिक्षकों के परीक्षा परिणाम का स्कू्रटनी फिलहाल चल रहा है। इंटरमीडिएट में 50 प्रतिशत से कम अंक वाले प्रशिक्षित शिक्षकों का भी रिजल्ट रोक दिया गया है। डीपीओ स्थापना केएन सदा ने बताया कि विभागीय निर्देश के तहत सभी नियोजन इकाई को अनट्रेंड शिक्षकों को हटाने का पत्र भेजा गया है।