खगडिय़ा। एक हजार नियोजित शिक्षक संदेह के घेरे में हैं। जल्द ही इनके खिलाफ संबंधित थानों में एफआइआर की प्रक्रिया अपनाई जाएगी। उच्च न्यायालय व निगरानी की सख्ती बाद शिक्षा विभाग में एक बार फिर हड़कंप है। इससे पहले आरंभिक जांच में ही निगरानी टीम ने विभिन्न थानों में 51 पंचायत सचिव व 52 शिक्षकों के खिलाफ मामला दर्ज कराई थी। कई मामले में पुलिस ने जांच पूरी कर न्यायालय में आरोप पत्र भी समर्पित कर दिया है।
विभाग में उपलब्ध फाइल के अनुसार वर्ष 2006, 2008 व 2014 में 4717 शिक्षकों का नियोजन विभिन्न नियोजन इकाइयों की ओर से किया गया। परंतु, अब तक मात्र 3717 शिक्षकों के फोल्डर ही विभाग को उपलब्ध कराए गए। शेष एक हजार फोल्डर गायब है। बार-बार नियोजन इकाइयों को आगाह करने के बाद भी विभाग को ये फोल्डर उपलब्ध नहीं कराए गए। 23 दिसंबर तक विभाग को रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। इससे पहले जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम निगरानी डीएसपी कन्हैयालाल से बात कर चुके हैं।
किस प्रखंड में कितने शिक्षकों की हुई थी बहाली
निगरानी विभाग को प्रारंभिक शिक्षकों के शैक्षणिक, प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच से संबंधित प्रखंडवार 2016 तक 2663 फोल्डर उपलब्ध कराए गए थे। उस समय 2074 फोल्डर उपलब्ध कराना शेष रह गया था। बाद के दिनों में 1663 फोल्डर और निगरानी को उपलब्ध कराए गए। जानकारी के अनुसार गोगरी में 853, मानसी 252, बेलदौर 556, परबत्ता 746 और खगडिय़ा में 883 शिक्षकों की बहाली से संबंधित फोल्डर है। अलौली में 879 व चौथम में 568 फोल्डर है। उस समय निगरानी को जानकारी दी गई थी कि चुनाव के कारण पंचायत सचिवों की व्यस्तता से फोल्डर उपलब्ध नहीं कराए जा सके हैं।
क्या कहते है जिला शिक्षा पदाधिकारी
डीईओ राजदेव राम ने कहा कि निगरानी डीएसपी से बात हुई है। 4717 फोल्डरों में एक हजार फोल्डर उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। एक बार और उपलब्ध कराने का मौका देने पर विचार किया जा रहा है। उपलब्ध नहीं होने पर संबंधित के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराया जाएगा।