खबर के अनुसार बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने वाले करीब ढाई लाख से अधिक नियोजित शिक्षकों में एक लाख दस हजार शिक्षकों के संबंधित प्रमाणपत्र निगरानी विभाग को नहीं मिले हैं। जिसके कारण हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई हैं और इन सभी शिक्षकों के डिग्रियों की जांच जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है।
कोर्ट के आदेश के बाद बिहार शिक्षा विभाग एक्शन में आ गई हैं।
आपको बता दें की पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर सभी नियोजित शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की निगरानी द्वारा जांच पांच सालों से की जा रही है। लेकिन अभी तक इस काम को पूरा नहीं किया गया हैं। इस सन्दर्भ में हाईकोर्ट अगली सुनबाई 9 जनवरी को करेगा।