मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की समीक्षा बैठक के बाद बिहार पुलिस का एक्शन दिखने लगा है। भगोड़ों पर शिकंजा कसने के लिए पुलिस ने उनकी संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई ज्यों ही तेज की, अभियुक्त गिरते-पड़ते समर्पण करने लगे हैं। चंद दिनों में ही सैकड़ों भगोड़ों ने पुलिस या अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। कुर्की जब्ती से बचने के लिए आत्मसमर्पण करनेवाले अभियुक्त हत्या और दूसरे गंभीर अपराधों में शामिल थे।
लंबित मामलों के निपटारे को चल रहा अभियान
अपराध नियंत्रण और विधि-व्यवस्था की समीक्षा बैठक के बाद मुख्यालय ने कई बिंदुओं पर कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इसमें लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाना भी शामिल है।
बक्सर में ही 32 अभियुक्तों ने कर दिया सरेंडर
पुलिस के अभियान का नतीजा भी दिखने लगा है। अकेले बक्सर जिले में ही कुर्की जब्ती की कार्रवाई तेज होते ही 32 अभियुक्तों ने आत्मसमर्पण कर दिया। सरेंडर करनेवाले हत्या, हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और संपत्ति से जुड़ी अपराधिक घटनाओं में अभियुक्त थे। वहीं नौ भगोड़ों को पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया। यह महज पांच दिनों के अंदर हुआ। पुलिस मुख्यालय को जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक अन्य जिलों में भी कई अभियुक्तों ने आत्मसमर्पण किया या उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। जल्द ही अन्य जिलों से इस बाबत रिपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
सीआईडी कर रही मॉनिटरिंग
लंबित मामलों के निष्पादन और अपराध नियंत्रण के लिए फील्ड के अफसरों को दिए गए टास्क पर क्या कार्रवाई हुई, इसकी मॉनिटरिंग अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) के स्तर से हो रही है। जिला पुलिस की कार्रवाई पर सीआईडी के अफसर नजर बनाए हुए हैं। वैसे थानों को भी चिह्नित किया गया है जहां हत्या, डकैती, गंभीर दंगा, लूट के मामलों में अत्यधिक वृद्धि हुई है।