औरंगाबाद। देव थाना क्षेत्र के पड़रिया टोले ढाबी पर गांव में शुक्रवार को गरीबी की कब्र पर भाई-बहन की आग से जलकर मौत हो गई। ठंड से बचने के लिए झोपड़ीनुमा घर में बोरसी से उठी चिगारी से लगी आग से बलिराम भुइयां के इकलौते पुत्र संदीप कुमार (सात वर्ष) एवं एक मात्र पुत्री संगीता कुमारी (पांच वर्ष ) की ऐसी नींद सोई की अब कभी नहीं जगेगी। शायद जब घटना घटी तब तक तो बलिराम पूरी तरह से अनजान रहा होगा। वह तो अपने दोनों बच्चों के भरण-पोषण के लिए दो वक्त की रोटी का इंतजाम में मशगूल रहा होगा। लेकिन यहां होनी को कुछ और ही मंजूर था। बलिराम के घर ऐसा दुख का पहाड़ टूटा कि ताउम्र बलिराम इस घटना को भूल नहीं पाएगा। हमेशा इस बात की उसे कसक रहेगी कि काश घर में अगर पति-पत्नी में से कोई एक व्यक्ति होते तो शायद अपने मासूम की जान बचा पाते है। घटना के बाद ग्रामीण बलिराम को जंगल में खोजने निकल गए थे। जब बलिराम अपनी पत्नी के साथ अपने फुसनुमा घर के पास पहुंचा तो मकान का नामोनिशान मिट चुका था। घर के पास केवल राख पड़ा देख दोनों रोने लगे। दोनों बच्चों की मौत से बलिराम और उसकी पत्नी रोते हुए बेहोश हो जा रही थी।
दोनों को जब भी होश आता अपने पुत्र और पुत्री को खोजने लगते। दोनों रोते हुए कह रहे थे अंतिम समय में भी पुत्र और पुत्री का चेहरा नहीं देख सके। दोनों अपने को अभागा कहकर रोते रहे। घटना के बाद पहुंची देव थाना पुलिस ने दोनों मृतक भाई बहन के जले शव को कब्जे में लेकर पिता और मां के घर पहुंचने के पहले ही पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय स्थित सदर अस्पताल भेज दिया था। उधर घटना के बाद ग्रामीण गरीबों को मिलने वाली इंदिरा आवास के सिस्टम पर सवाल उठा रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार बलिराम जैसे गरीब को इंदिरा आवास नहीं मिला है पर अगर जांच हो तो पक्के मकान वालों को आवास मिलने का मामला जरुर सामने आ जाएगा। एक ही परिवार के कई सदस्यों को आवास योजना का लाभ मिलने का भी मामला सामने आ जाएगा। घटना की सूचना पर थानाध्यक्ष बेंकटेश्वर ओझा, सीओ आशुतोष कुमार, एएसआइ युगल किशोर राय,राजस्व कर्मचारी राजू कुमार, उप प्रमुख मनीष कुमार, शिक्षक रणधीर कुमार, छात्र नेता धीरज सोलंकी समेत अन्य प्रतिनिधि गांव पहुंचे। सीओ ने बताया मृतक के पिता को आपदा विभाग से चार- चार लाख रुपये मुआवजा दी जाएगी। जले हुए मकान की क्षतिपूर्ति के लिए 9800 रुपये तत्काल दिया गया है। उप प्रमुख ने बताया की सरकार के तहत जो भी मुआवजा का प्रावधान होगा वह मिलना चाहिए। इसके लिए बीडीओ एवं सीओ से बात की गई है। इधर सांसद सुशील कुमार सिंह ने भी घटना के बारे में डीएम से बात कर पीड़ित परिवार को हर संभव मदद देने की बात कही हैं।