रोने-चिल्लाने की आवाज सुन पहुंचे थे ग्रामीण
सुबह में मोनी देवी के रोने-चिल्लाने की आवाज सुन ग्रामीण पहुंचे। महिला ने ग्रामीणों को बताया कि रात में पति के साथ कमरे में थी। बच्चे बाहर सोए हुए थे। अल सुबह बच्चों ने आवाज दी तो बाहर आई। फिर बकरी को चारा देने लगी। आधे घंटे बाद कमरे में गई तो देखा कि गले में कपड़े का फंदा लगाकर पति बांस के सहारे टंगे हैं। बच्चों के सहयोग से तुरंत कपड़े काटकर नीचे उतारा। लेकिन, उनकी मौत हो चुकी थी। मोनी के दोनों बच्चे 10 वर्षीय बोगो व आठ वर्षीय बोडिल ने पुलिस के समक्ष बताया कि रात में दो लोग आए थे। उसी ने मेरे पापा को मारा है।
मामा के निधन बाद मामी से की थी शादी
ग्रामीणों ने बताया कि अरसंडी गांव में छतीश का ननिहाल है। मूल निवासी खगडिय़ा मानसी के कत्यानी मंदिर के पास रोहिया गांव है। 12 वर्ष पूर्व उसके मामा दीपक उर्फ ढोरो यादव का निधन हो गया, जिसके बाद स्वजन व समाज की सहमति पर छतीश ने अपनी मामी मोनी देवी से शादी कर ली और अरसंडी में ही बस गया। शादी के बाद दो पुत्र हुए। मामा से भी एक पुत्र है। मोनी का मायका खरीक के लोकमानपुर बहियार में है। घटना की सूचना पर छतीश की मां व भाई समेत अन्य स्वजन अरसंडी पहुंचे। ग्रामीणों की मानें तो मोनी और सुबोध के बीच अवैध संबंध था। सुबोध अक्सर यहां आता था।