मामले में सात गिरफ्तार
देह व्यापार के इस मामले में बेतिया पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है। एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने बताया कि बैरिया थाना क्षेत्र के बैरिया टांड निवासी सुरेश गिरी, उसकी पुत्री सोनी उर्फ कृतिका उर्फ सोनी गोस्वामी, मनुआपुल थाना क्षेत्र के गिरी टोला परसा निवासी ब्रजेश गिरी, नरकटियागंज बनवरिया की रितिका गोस्वामी, सहोदरा थाना क्षेत्र के पिपरा चौक निवासी मिथिलेश साह, पटना जिला अंतर्गत नेवरा थाना क्षेत्र के लक्ष्मणपुर निवासी बिट्टू कुमार व पटना हवाई अड्डा थाना क्षेत्र के फुलवारी निवासी ब्रजेश गिरी की पत्नी किरण देवी को गिरफ्तार किया गया है। पूछताछ के बाद पुलिस सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दी है। पीड़िता की मेडिकल जांच कराई जा रही है। देह व्यापार का सरगना सुरेश गिरी के संपत्ति की पड़ताल हो रही है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से सिल्वर रंग की स्विफ्ट डिजायर गाड़ी बरामद की गई है। आरोपियों के कॉल डिटेल्स की वैज्ञानिक विधि से जांच हो रही है। पुलिस को इस रैकेट में कुछ सफेदपोशो के भी शामिल होने की संभावना है। इस मामले में कुछ अन्य लोगों की भी पुलिस तलाश कर रही है। जिनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी हो रही है।
देह व्यापार में पूर्व से भी आरोपि है सुरेश व बृजेश
गिरफ्तार सुरेश गिरी व बृजेश गिरी का पुराना अपराधिक इतिहास है। एसपी ने बताया बैरिया के अलावा पटना, रूपसपुर थाना में इसके खिलाफ बच्ची का अपहरण, डकैती, चोरी, देह व्यापार अधिनियम, पॉक्सो एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हैं। पुलिस इस मामले को धार्मिक, सामाजिक कुरीति से संबंधित चर्चित मामला मानकर कांड का अनुसंधान शुरू कर दी है।
कई जिलों से जुड़े हैं तार
रैकेट में शामिल धंधेबाजों का तार बिहार के कई जिलों से जुड़ा हैं। इस हाई प्रोफाइल मामले की मॉनिटरिंग एसपी खुद कर रहे हैं। पल-पल की सूचना से मुख्यालय को अवगत कराया जा रहा है। पुलिस का भी मानना है कि रैकेट के धंधेबाजों का कनेक्शन पटना और बेतिया के अलावा अन्य कई जिलों से भी जुड़ा हुआ है।
क्या है मामला
चार दिन पहले अपहरण के बाद जबरन देह व्यापारमें धकेली गई सहोदरा की पीड़िता पटना से भागकर लौरिया अपने एक रिश्तेदार के घर आई थी। वहीं से उसने एसपी को फोन कर आपबीती बताई थी। एसपी से बताया था कि कुछ वर्षों से उससे जबरन पटना में देह व्यापार का धंधा कराया जा रहा है। इस सूचना पर एसपी ने तत्काल मुख्यालय डीएसपी और महिला थानाध्यक्ष पूनम कुमारी को मामले जांच करने का आदेश दिया था। जांच में मामला सत्य पाया जाने पर मामले में प्राथमिकी दर्ज कर पुलिस छापेमारी शुरू की और सात लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।