संवाददाता, खगडिय़ा। खगडिय़ा के सात प्रखंडों के विभिन्न विद्यालयों में कार्यरत 50 शिक्षक जल्द ही बर्खास्त हो जाएंगे। विभाग ने इसकी तैयारी पूरी कर ली है। बीईओ की ओर से उपलब्ध कराई गई सूची में ऐसे शिक्षकों की संख्या 50 है। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रंजीत कुमार सिंह द्वारा सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को हाल ही में आदेश दिया गया कि अनिवार्य शिक्षा अधिनियम की धारा 23 के तहत अप्रशिक्षित शिक्षकों को 31 मार्च 2019 तक निर्धारित अहर्ता प्रशिक्षित करना अनिवार्य है।
प्रशिक्षण के लिए चलाया गया था 18 माह का डीएलएड पाठ्यक्रम।।
इसके लिए भारत सरकार के तत्वाधान में एनआइओएस की ओर से 18 महीने का डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन किया गया। ताकि सेवाकालीन शिक्षकों का प्रशिक्षण संपन्न हो सके। यह भी आदेश दिया गया था कि उक्त अवधि तक प्रशिक्षित शिक्षकों को ही वेतन का भुगतान किया जाए। प्रशिक्षण की योग्यता प्राप्त नहीं होने की स्थिति में नियमानुसार कार्यवाही करते हुए सेवामुक्त की प्रक्रिया अपनाई जाए।
प्राथमिक शिक्षा निदेशक के आदेश के आलोक में आठ दिसंबर 2020 को जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने सभी प्रखंड के बीईओ को आदेश दिया कि ऐसे शिक्षकों की अविलंब सूची उपलब्ध कराई जाए। हालांकि उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में वादीगण काजीचक के श्रवण कुमार व बन्नी के इंद्रजीत कुमार पर यह आदेश तत्काल प्रभावी नहीं होगा।
कौन-कौन शिक्षक होंगे बर्खास्त
अलौली के 12 शिक्षकों में बहादुरपुर की रीना कुमारी, अमौसी के राजेश कुमार, शिशवा के प्रवेंद्र कुमार, उखरौडा की सीता कुमारी, इचरूआ मुशहरी की कृष्णा कुमारी, लक्ष्मीपुर बहादुरपुर के योगेंद्र चौधरी, बहोरवा उत्तर के हरि सदा, मोहराघाट तेरासी के महेश कुमार महतो, बुधौरा की अनीमा रानी, डिहुलिया के मु. शकील अहमद, लदौराडीह की प्रेमलता कुमारी व सूरजनगर के राकेश कुमार शामिल हैं। इसी तरह सदर प्रखंड के भदास धुनिया टोला के मु. खालिद सैफउल्लाह, मथार के आलोक कुमार व सन्हौलीगंज की हीरा देवी कार्रवाई की जद में शामिल है। मिली जानकारी के अनुसार कार्रवाई की जद में बेलदौर प्रखंड के 12, चौथम के 11, परबत्ता के पांच व मानसी के एक शिक्षक शामिल हैं।
क्या कहते हैं जिला शिक्षा पदाधिकारी
खगड़िया के जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने कहा कि मुख्यालय के आदेश के आलोक में ऐसे शिक्षकों के इस माह से वेतनादि पर रोक लगा दी गई है। प्रखंड, पंचायत व नगर नियोजन इकाइयों को बीईओ के माध्यम से सूची उपलब्ध करा दी गई है। प्रावधान के तहत कार्रवाई कर विभाग को भी जानकारी देने को कहा गया है।