औरंगाबाद: जिले के ग्यारह प्रखंडों में नियोजित शिक्षकों की बहाली में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई है। फर्जी प्रमाण-पत्रों व नियमों को ताक पर रखकर बहाल किए गए नियोजित शिक्षकों पर निगरानी की तलवार लटकी है। जिले के कुल 7654 शिक्षकों पर निगरानी विभाग की तलवार लटकती दिख रही है। 7654 में से 5326 शिक्षकों का फोल्डर निगरानी विभाग को सौंपा गया है।
सभी फोल्डरों को विभाग नियमानुसार जांच कर रही है। 2328 शिक्षकों का फोल्डर में निगरानी विभाग ने काफी त्रुटी पाया है जिससे वह जांच के लिए लेने से मना कर दिया है। विभागीय अधिकारियों से निगरानी ने सभी कागाजत के साथ फोल्डर की मांग की है।
निगरानी के द्वारा जांच के बाद कार्रवाई के लिए नियोजन इकाईं को दिया जाएगा। बताया कि अब तक करीब 90 प्राथमिकी नियोजन इकाईं के तत्कालीन पदाधिकारियों पर हो चुकी है। नवीनगर प्रखंड के पांच पंचायत सचिव, मदनपुर के 13 पंचायत सचिव व एक बीईओ, ओबरा के छह पंचायत सचिव, रफीगंज के दो बार में 27 पंचायत सचिव, गोह में 20 पंचायत सचिव, देव में पांच पंचायत सचिव एवं कुटुंबा में 13 पंचायत सचिव पर प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है। बता दें कि पंचायत सचिव नियोजन इकाईं के सचिव होते हैं।