कोरोना संकट के बीच बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने डीजल सब्सिडी बंद करने के बाद 63 कृषि उपकरणों (Farm implements subsidy) पर भी सब्सिडी नहीं देने का फैसला किया है. कृषि विभाग के एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस साल केवल 17 कृषि उपकरणों पर सब्सिडी देने का फैसला किया है. पिछले साल तक 81 उपकरणों की खरीद पर सब्सिडी मिल रही थी.
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, कृषि विभाग के अधिकारी का कहना है कि सरकार ने इस साल कृषि मशीनीकरण अभियान में कचरे के प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया है. सरकार का मकसद वायु प्रदूषण पर नियंत्रण करना है. इसमें भूसी जलाने से रोकना पहली और सबसे बड़ी चुनौती है.
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11 जिलों के किसानों पर बड़ी कार्रवाई
फसलों की कटाई के बाद भूसी जलाना बिहार में बहुत पुरानी और गंभीर समस्या रही है. सरकार इसको लेकर सजग और गंभीर है. पिछले तीन महीने में सरकार ने ऐसे 900 किसानों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें मिलने वाली तमाम सब्सिडी को अगले तीन सालों के लिए रोकने का फैसला किया है. यह फैसला 11 जिलों पर लागू होगा.
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वायु प्रदूषण रोकने पर फोकस
उस अधिकारी का यह भी कहना है कि कोरोना के कारण बिहार सरकार पर आर्थिक दबाव काफी बढ़ गया है. प्रदेश की माली हालत खराब है. ऐसे में सरकार इस तरह के आर्थिक फैसले ले रही है. वायु प्रदूषण पर रोकथाम के लिए बिहार सरकार लगातार कड़े फैसले ले रही है. वर्तमान में यह एकमात्र राज्य है जो सब्सिडी का फायदा तभी देती है जब भूसी नहीं जलाने की शर्त का पूरी तरह पालन होता है.
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इस साल केवल 23.69 करोड़ सब्सिडी देने का फैसला
वित्त वर्ष 2021 के लिए सरकार ने इस सब्सिडी को 163 करोड़ से घटाकर 23.69 करोड़ रखने का लक्ष्य रखा है. बता दें कि राज्य की तरफ से भले ही यह लिस्ट छोटी कर दी गई हो, केंद्र की तरफ से अभी भी 16 कृषि उपकरणों पर अलग-अलग योजनाओं के माध्यम से लाभ मिलता है जो जारी रहेगा.