कोशी लाइव:अक्की
अररिया के छह प्रखंडों में बाढ़ के हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। शहर के महिला कॉलेज परिसर में भी परमान नदी का पानी घुस गया है, जो कलक्ट्रेट से महज एक से डेढ़ किमी की दूरी पर है।
गनीमत है कि सुबह से बारिश रुकी हुई है। लेकिन परमान नदी खतरे के निशान से करीब आधा मीटर ऊपर बह रही है। शहर के खरया बस्ती, वार्ड 11, गोढ़ी चौक आसपास के लोगों ने एनएच 57 पर डेरा डाल लिया है। ज्यादातर लोगों ने खुद ही सारी व्यवस्था की है। प्रशासन से मदद मिलने से इनकार किया है।
वहीं, कुर्साकांटा में एक बच्ची समेत चार लोगों की बाढ़ में डूबकर मौत हो गई है। अब तक 10 लोगों की मौत बाढ़ में डूबकर हो चुकी है। जोकीहाट, पलासी, कुर्साकांटा और अररिया प्रखंड के कुछ भाग बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं। जोकीहाट जाने वाली सड़क पर बेलवा पुल की स्थिति खतरनाक हो गई है। इस पर मरम्मत का काम शुरू किया गया है। इसी पुल के बह जाने से 2017 की बाढ़ में एक महिला अपने बच्चों समेत डूब गई थी। जिसका वीडियो बहुत वायरल हुआ था।
रानीगंज प्रखंड में भी बढ़ने लगा बाढ़ का ख़तरा
फारबिसगंज शहर के बीचोबीच बहने वाली सीताधार में महबूब नगर मार्केट में करीब 100 परिवार बेघर होकर गलीनुमा रोड पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। फारबिसगंज में बाढ़ की स्थिति यथावत है। लोग अपने ही घरों में फंसे हुए हैं। ऊंचे स्थान पर आए पीड़ितों के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नही है। प्रशासन द्वारा प्रखंड के 21 जगहों पर रविवार से सामुदायिक कीचन खोल जा रहा है।
फारबिसगंज शहर के बीचोबीच बहने वाली सीताधार में महबूब नगर मार्केट में करीब 100 परिवार बेघर होकर गलीनुमा रोड पर झुग्गी झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। फारबिसगंज में बाढ़ की स्थिति यथावत है। लोग अपने ही घरों में फंसे हुए हैं। ऊंचे स्थान पर आए पीड़ितों के लिए कोई सरकारी व्यवस्था नही है। प्रशासन द्वारा प्रखंड के 21 जगहों पर रविवार से सामुदायिक कीचन खोल जा रहा है।
डीएम बैद्यनाथ यादव ने बताया कि पूरे जिले में 121 राहत कैम्प लगाए गए हैं। प्रशासन के अनुसार 184 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इसमें 33 गांव का सड़क संपर्क भंग हो गया है।